
संवाददाता
कानपुर। उत्तरीपुरा में विजयादशमी के पावन अवसर पर रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित मेले का रावण दहन के साथ समापन हो गया। इस दौरान भव्य आतिशबाजी का भी विशेष आयोजन किया गया। रामलीला मैदान में लगे पारंपरिक पंडाल में आसपास के ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में लोग मेला देखने पहुंचे। बच्चों ने मेले में खिलौनों और झूलों का खूब आनंद लिया, वहीं फास्ट फूड और मिठाइयों की दुकानों पर भी भारी भीड़ देखी गई। रावण के विशाल पुतले में आग लगते ही पूरा पंडाल जय श्री राम के नारों से गूंज उठा।
ककवन के अनेई गांव में बाबा खेरेश्वर समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय रामलीला का रावण वध के साथ समापन हो गया। इस अवसर पर विशेष आतिशबाजी का प्रदर्शन भी किया गया।
रामलीला मैदान पर लगे पारंपरिक मेले में आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। बच्चों ने खिलौनों और झूलों का आनंद लिया, मेले में फास्ट-फूड और मिठाइयों की दुकानों पर भी काफी भीड़ देखी गई।
रावण वध के बाद, भगवान श्रीराम के आदेश पर लक्ष्मण ने रावण से ज्ञान अर्जित किया। रावण ने अपने अंतिम उपदेश में कहा कि शुभ कार्य में विलंब न करना और अशुभ कार्य में देर करना ही बुद्धिमानी है।
रामलीला मंचन और रावण दहन ने यह संदेश दिया कि सत्य, धर्म और मर्यादा की हमेशा विजय होती है, जबकि असत्य, अधर्म और अहंकार का अंत निश्चित है।






