कर्मचारियों के बीच विभाग के पीएफ. घोटाले की चर्चा आम।
कानपुर। केस्को कर्मी विनय मल्होत्रा के आत्महत्या से बिजली विभाग में चल रहे खेल की ओर कई बडे इशारे कर दिए हैं। अफसरों के सामने 36 साल का क्याआ ऐसा रिकार्ड खोजा जा रहा था कि उसके चक्कर में कर्मी को अपनी जान गंवानी पड गयी। केस्को कर्मी की आत्महत्या से विभाग के कई राज दफन हो जाएंगे? पीएफ का काम देखने वाले विनय मल्होत्रा की मौत के बाद कोई खुलकर तो सामने नहीं आ रहा है, लेकिन तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बिजली विभाग में चर्चा है कि कानपुर में भी लखनऊ की तरह करोड़ों के पीएफ घोटाले की आशंका है। परिवार के लोगों ने मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन से इस संबंध में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।नजीराबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले विनय कुमार मल्होत्रा केस्को एमडी ऑफिस में वरिष्ठ कार्यकारी सहायक के पद पर कार्यरत थे। वह नौकरी ज्वाइन करने के बाद से एक ही पटल कर्मचारियों के जीपीएफ का काम देखते थे। इतने लंबे समय से जीपीएफ का काम देख रहे थे कि वह अपनी सीट के एक्सपर्ट हो गए थे। 12 जुलाई को उन्होंने नजीराबाद क्रॉसिंग पर ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। मामले में परिवार के लोगों ने उनका ट्रांसफर होने के बाद 36 साल का रिकॉर्ड देने का दबाव बनाने पर सुसाइड का आरोप लगाया था। अब मामले को लेकर केस्को मुख्यालय से लेकर कर्मचारियों के बीच अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बिजली विभाग में चर्चा है कि पीएफ विभाग की सैकड़ों फाइलें गुम होने की बात सामने आ रही है, करोड़ों का लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है, तो किसी का कहना है कि पीएफ में करोड़ों का झोल किया गया है। लखनऊ में कर्मचारियों के 1854 करोड़ के पीएफ घोटाले की तरह कानपुर में भी कोई बड़ा खेल हुआ है। परिवार के लोग पूरे मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। बिजली विभाग के यूनियन के कर्मचारियों ने भी मामले की जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन सुसाइड कांड के बाद से चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने पूरे मामले को लेकर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। इससे संदेह बढ़ता जा रहा है। उधर, परिवार के लोग भी मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है लेकिन कोई भी कर्मचारी पूरे मामले में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। आखिर कौन-सी फाइलें गुम हैं? कौन सा रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है? किस रिकॉर्ड के लिए सुसाइड करने वाले विनय मल्होत्रा पर दबाव बनाया जा रहा था। इतना ही नहीं रिकॉर्ड नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दी जा रही थी। विभाग तो चर्चा है कि पीएफ से जुड़ी सैकड़ों फाइलें गुम हैं और करोड़ों का हिसाब-किताब नहीं मिल रहा है। इन सभी पहलुओं पर केस्को ने अभी तक कुछ भी साफ नहीं किया है। मीडिया प्रभारी से लेकर एमडी तक मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर पूरे मामले में तस्वीर साफ नहीं की गई तो विनय मल्होत्रा को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरेंगे।
फोटो। केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन