October 18, 2024

कानपुर। साल 2006 के बाद से नगर निगम के अधिकारी नए सिरे से हाउस टैक्स के आंकडों में बाजीगरी और  सर्वे में की गई गड़बड़ियों से परेशान नजर आ रहें हैं। संपत्तियों का सर्वे कर रही आईटीआई.लि. संस्था के दिये आंकड़ों में अपर नगर आयुक्त ने बड़ा गडबड़झाला पकड़ा है जिस पर वह सख्ती बरतने के मूड में आ गए हैं। संस्था की ओर से खोजी गई ढाई लाख से अधिक संपत्तियों की जांच में 50 फीसदी पहले से ही नगर निगम के पोर्टल पर दर्ज मिली हैं। इसके साथ ही कुल संपत्तियों में भी नगर निगम के अधिकारियों को 1.76 लाख संपत्तियों का अंतर मिला है। जिसके बाद नगर निगम ने कंपनी को फिर से संपत्तियों की मिलान के निर्देश जारी किए हैं। शासन की ओर से नामित संस्था ने नगर निगम की हाउस टैक्स के मद में आय बढ़ाने के उद्देश्य से सर्वे शुरू किया था। नगर निगम ने जोनवार अफसरों को लगाया, ताकि एक-एक संपत्ति का निरीक्षण के साथ ही सत्यापन हो सके। इसके साथ ही आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों का मिलान हो सके। संस्था ने सर्वे के बाद पिछले माह की 26 जून को नगर निगम को जानकारी देते हुये बताया कि अभी नगर निगम क्षेत्र में कुल 2,13,960 सम्पतियों का मिलान हो गया है। जबकि 67,730 संपत्तियों का मिलान नहीं हो सका है। सर्वे में 70,945 प्लॉट्स भी सामने आए हैं।संस्था ने जो जानकारी दी इसमें बताया कि हमने 2,71,751 नई संपत्तियां खोजी हैं। इससे नगर निगम की आय बढ़ेगी। इस तरह संस्था ने बताया की कानपुर नगर निगम सीमा में 6,24,386 संपत्तियों हो गई है। अपर नगर आयुक्त अमित कुमार भारतीय ने इस मामले में जांच कराई तो पता चला कि नगर निगम के साफ्टवेयर में लगभग 4,48,000 संपत्तियां शो हो रही हैं। अपर नगर आयुक्त ने पाया कि कुल 1,76,386 संपत्तियों का अन्तर है। इसके साथ ही सस्था द्वारा दर्शाई गई 2,71,751 नई संपत्तियों में लगभग 50 प्रतिशत ऐसी सम्पत्तियां मिलीं, जोकि नगर निगम अभिलेखों में पहले से ही दर्ज है। वहां से गृहकर पहले से ही नगर निगम वसूल रहा है। ऐसे में संस्था को जांच कर सही जानकारी देने के निर्देश दिये हैं, इसके साथ ही शासन को भी जानकारी दी है। जीआईएस सर्वे में लापरवाही से लोगों का कर निर्धारण गलत हो गया है। शहर में लोग नये बढ़े हुये गृहकर बिलों से परेशान हैं। कई आवासीय में भी व्यावसायिक कर वसूलने के लिये नये बिल जेनरेट हो गये हैं। जो लोग बिल जमा कर चुके हैं उनको फिर से नये सर्वे के अनुसार बिल भेजे जा रहे हैं। लोगों के हाउस टैक्स बिलों में तो 50 फीसदी तक बढ़ोत्तरी कर दी गई। जिससे आये दिन लोग समस्या लेकर जोनल कार्यालयों में भटक रहे हैं। नगर निगम अधिकारी संशोधन के नाम पर सिर्फ टहलाने का काम कर रहे हैं। जिससे रोष बढ़ता जा रहा है। सर्वे में गड़बड़ी को लेकर नगर आयुक्त से लेकर मेयर तक अपनी नाराजगी जता चुकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *