कानपुर। जन्म देते ही जिन मॉं-बाप ने बच्ची को बेसहारा छोडकर भाग जाने की हिमाकत की थी आज वही बच्ची ने विदा होते ही ये साबित कर दिया कि उसको सहारा देने वालों की कमी ही नही ही नही है। उसकी सेवा करने वालों की हर आखें पूरी तरह से आसुओं से भीगी नजर आयी और हर व्यक्ति उसके सुखमय जीवन की लम्बी कामना करता रहा। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के एनआईसीयू में भर्ती बिटिया (पूनम) को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। बतातें चलें कि 19 सितंबर 2023 की शाम रनियां निवासी प्रसूता ने बच्ची को जन्म दिया था जो मात्र डेढ़ किलो वजन की थी। जन्म के समय बालिका को कुछ प्रकार की भी दिक्कतें थीं। ऐसे में उसे एनआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया जबकि उसकी मां को बगल के ही वार्ड में रखा गया था। जन्म देने के बाद ही प्रसूता अपने पति के साथ उसे छोड़कर निकल गई थी अस्पताल के कर्मचारियों ने दोनों को तलाशने की भी कोशिश की थी लेकिन सफलता नही मिल सकी थी। हैलट बाल रोग विभाग से नौ महीने इलाज करने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी बच्ची को लखनऊ रवाना कर दिया गया। इस मौके पर हॉस्पिटल के स्टॉफ और मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।प्राचार्य संजय काला और एचओडी डॉ. अरुण आर्य की देखरेख में बच्ची का इलाज किया गया। बच्ची के लिए प्रतिदिन दो लीटर दूध आता था। बच्ची के विदाई के समय अस्पताल का स्टॉफ और नर्सें भावुक हो गईं। हर कोई उस मासूम को ही याद करता दिखा। दो महीने तक विभागाध्यक्ष डॉ. एके आर्या और उनकी टीम ने लगातार बच्ची का उपचार किया और उसकी जान बचाई। एनआईसीयू के बाहर आई बच्ची को सिस्टर रूम में नर्सों और डॉक्टरों ने माता-पिता की तरह उसे करीब दस महीने पाला और नाम पूनम रखा। अस्पताल के पूरे स्टाफ ने बच्ची को पूरी तरह से स्वस्थ करने के लिए बहुत मशक्कत की बच्ची को शुक्रवार को लखनऊ के राजकीय बाल गृह भेज दिया गया जहां वह सरकारी अधिकारियों की देख रेख में अपना जीवन शुरु कर सकेगी।