संवाददाता।
कानपुर। नगर मे नौतपा में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। यहां तापमान 44°C पार कर गया है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में लावारिस शव मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। हालात ये है कि 45 लावारिस शवों से कानपुर का पोस्टमॉर्टम हाउस फुल हो गया है। शव रखने की जगह नहीं बची है। अब अतिरिक्त जगह और डॉक्टरों की डिमांड की गई है। पोस्टमॉर्टम हाउस के चारों ओर 500 मीटर तक भीषण दुर्गंध फैल गई है। पोस्टमॉर्टम हाउस लावारिस शवों से भर चुका है। हालात ये हैं कि एक के ऊपर एक शव को रखा गया है। शुक्रवार को सुबह से देर शाम तक 38 शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। इसमें 7 लावारिस शव शामिल हैं। शनिवार को पोस्टमॉर्टम हाउस में 51 शव रखे हैं, इसमें से 45 शव लावारिस हैं। पोस्टमॉर्टम हाउस के हालात ये हैं कि लावारिस शवों से चौतरफा करीब 500 मीटर के दायरे में भीषण दुर्गंध फैल गई हैं। पोस्टमॉर्टम करते-करते पतारा सीएचसी डॉ. अश्वनी बाघमरे गश खाकर जमीन पर गिर पड़े। वहां मौजूद अन्य डॉक्टर और पोस्टमॉर्टम हाउस के स्टाफ ने ठंडा पानी डालकर उन्हें होश में लाए। इतना ही नहीं पोस्टमॉर्टम हाउस प्रभारी डॉ. नवनीत चौधरी की भी हालत बिगड़ गई। लावारिस शवों को देखते हुए पोस्टमॉर्टम हाउस ने जिला प्रशासन ने शवों को रखने के लिए अतिरिक्त जगह की मांग की है। पोस्टमॉर्टम के लिए सीएमओ से अतिरिक्त डॉक्टर लगाकर पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की गई है। इससे कि हालात को कंट्रोल किया जा सके। अनुमान है कि फुटपाथ पर, पार्क में और अलग-अलग जगह मिले लोगों की भीषण गर्मी से मौत हुई है। इसमें से ज्यादातर बुजुर्ग, भिखारी और सड़क किनारे घूमने वाले नशेबाज हैं। लवारिश लाश मिलने के बाद 72 घंटे तक उनका पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा सकता है। उसकी शिनाख्त के लिए इंतजार किया जाता है। अगर 72 घंटे के भीतर भी उनका कोई अपना शिनाख्त नहीं करता है तो पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस उनका अंतिम संस्कार करा देती है। इसी के चलते पोस्टमॉर्टम हाउस में 45 लावारिस शव इकट्ठा हो गई हैं। आपको बता दें कानपुर के पोस्टमॉर्टम हाउस पर अप्रैल महीने में 52 लावारिस शव पहुंचे थे। लेकिन नौतपा शुरू हुए एक सप्ताह भी नहीं बीते और सिर्फ नौतपा में पोस्टमॉर्टम हाउस में 27 लावारिस लाशें पहुंच चुकी हैं। अगर हम शहर के सबसे प्रमुख घाट भैरव घाट की बात करें तो यहां पर सामान्य दिनों में औसतन 20 से 25 शवों का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन अब यह आंकड़ा 50 पहुंच चुका है। यहां पर 29 मई को 54 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था। 30 मई को 40 और 31 मई को 45 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इस घाट के अलावा कानपुर में 10 प्रमुख श्मशान घाट हैं। इसमें खेरेश्वर घाट, बिठूर घाट, गंगाघाट, भगवतदास घाट, ड्योढ़ी घाट समेत अन्य प्रमुख घाट हैं। यहां पर होने वाले अंतिम संस्कार की संख्या अभी जोड़ी नहीं गई है।