कानपुर। चुनाव आयोग और विभिन्न सामाजिक संगठनों की शत प्रतिशत मतदान की अपील को एक बार फिर से नगर और अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने पलीता लगा दिया। मतदाताओं में मतदान के प्रति उदासीनता हावी रही और मतदान प्रतिशत नगर में केवल 52.90 प्रतिशत और अकबरपुर में 57.28 ही रह गया। हालांकि कुछ बूथों पर मतदाता अपने मतदान का प्रयोग करते रहे जिससे प्रतिशत थोडा सा बढने की संभावना अवश्य है लेकिन इतनी भी नही कि 60 से 65 प्रतिशत तक पहुंच सके। मतदान के प्रति जागरूकता को लेकर प्रशासन, सामाजिक संगठनों व मीडिया के व्यापक प्रयास के बावजूद विधानसभा चुनाव में कानपुर जिले में मतदान फीसद 60 फीसद से भी कम रहा। 36,70,113 मतदाताओं को वोट डालना था, लेकिन मतदान करने सिर्फ 15 29,849 मतदाता ही घरों से निकले। 18,40,264 मतदाता ऐसे रहे, जिन्होंने अपने कीमती वोट की ताकत नहीं समझी और बूथ पर नहीं पहुंचे। कानपुर से लोकतंत्र के प्रति जिम्मेदारी की अपेक्षाओं को केवल इसी चुनाव में ही झटका नहीं लगा। इससे पहले हुए चुनावों में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रही है। हर चुनाव में कानपुर वासियों की मतदान के प्रति बेरुखी दिखी है। लोकसभा के चौथे चरण के मतदान के बाद सोमवार को प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। अब प्रत्याशी और समर्थक जीत-हार के समीकरण समझने में जुट गए हैं। फिलहाल, सभी प्रत्याशी अपने दावे में जीत का दम भर रहे हैं।