July 3, 2025

संवाददाता।
कानपुर। नगर में नगर निगम के एक कर्मचारी की एसीपी (प्रमोशन पर वेतन निर्धारण) के मामले में हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में प्रभावी पैरवी न करने में वरिष्ठ लिपिक मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी संध्या रानी का मार्च माह का वेतन रोकते हुए कानपुर नगर निगम से ट्रांसफर की संस्तुति की गई है।एसीपी के मामले में हाईकोर्ट में नगर निगम द्वारा काउंटर एफिडेविट दाखिल करना था। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लिपिक की थी। इस एफिडेविट पर मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को हस्ताक्षर करना था मगर उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। पूरी बात नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन से छिपाई गई। मामले की जानकारी तक नहीं दी गई। बताया भी नहीं गया कि काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने नगर निगम की इस लापरवाही पर नगर आयुक्त के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसकी जानकारी नगर आयुक्त को हुई तो उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई। जांच में पता चला कि वरिष्ठ लिपिक ने तो लापरवाही बरती ही, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। इस वजह से न सिर्फ संध्या रानी का वेतन रोका गया बल्कि प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को कार्रवाई के लिए पत्र प्रेषित किया गया है। नगर आयुक्त ने लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों एवं विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि नगर निगम से संबंधित मामलों में प्रभावी पैरवी न करने पर अफसरों और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारी स्वयं दोषी होंगे। 

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