,— एक गुट संस्था के पूर्व सचिव की बर्खास्तगी पर अड़ा तो दूसरा पद छोड़ने को नही तैयार।

आज़ाद संवाददाता
कानपुर। उत्तर प्रदेश एथलेटिक एसोसिएशन की रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। एसोसिएशन के आपसी मतभेद के कारण खिलाड़ियों को इसका भारी नुकसान चुकाना पड़ सकता हैं, लेकिन कुर्सी पाने की इस होड़ में खिलाड़ियों के भविष्य के लिए कौन सोचता हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मेरठ में एक मीटिंग की। इसमें विभिन्न जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए। इसके बाद इसी एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने दावा कर दिया की ये मीटिंग तो फर्जी हैं। एसोसिएशन अपनी मीटिंग पहले ही लखनऊ में कर चुका हैं और सर्व सम्मति से एक पूर्व सांसद को अध्यक्ष भी चुन लिया गया हैं।
इस पूरे विवादित खेल में पूर्व सांसद की भूमिका अब कितनी अहम होगी ये देखने वाली बात होगी। क्या पूर्व सांसद को एसोसिएशन के इस विवाद के बारे में जानकारी दी गई या फिर नहीं? ये तो वहीं जाने।
7 जून को होटल ब्रौवुरा गोल्ड रिसोर्ट परतापुर मेरठ में एसोसिएशन की एक बैठक की गई। अध्यक्ष आशुतोष भल्ला के अनुसार इस मीटिंग का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में एथलेटिक्स खेल के विकास एवं पूर्व से निलंबित चल रहे पूर्व सचिव डॉ. देवेश दुबे को संस्था से पूर्ण बर्खास्त करना था।
इस मीटिंग में प्रदेश के 53 जिलों के अध्यक्ष, सचिव एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित हुए। वर्ल्ड एथलेटिक्स के वाइस प्रेसिडेंट ओलंपियन आदिल सोमारिवाला, साउथ एशियन एथलेटिक्स के अध्यक्ष डॉ. ललित के भनोट एवं भारतीय एथलीट संघ के कोषाध्यक्ष स्टेनली जॉन्स एवम उत्तर प्रदेश एथलेटिक एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष मोहन गोविल, कोषाध्यक्ष नीरज कुमार एवं कार्यकारी सचिव नरेंद्र कुमार उपस्थित रहे।
कानपुर के डॉ. देवेश दुबे का दावा है कि मेरठ में एक सेमिनार हुआ था, जहां पर आदिल सोमारिवाल, डॉ. ललित के भनोट समेत सभी लेकर इकट्ठा हुए थे। इन लोगों के जाने के बाद एक बैठक फर्जी कर ली गई और उसे प्रसारित किया जा रहा हैं।
हम लोगों ने पहले ही अध्यक्ष आशुतोष भल्ला को एसोसिएशन से हटा दिया है। पिछले दिनों लखनऊ में हुई बैठक में सभी जिलों के पदाधिकारियों ने सर्व सम्मति से जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अध्यक्ष मनोनीत कर दिया है।
वर्ल्ड एथलेटिक्स के उपाध्यक्ष आदिल सोमारीवाला ने सभी जिला सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि बिना जिला खेल संघों के भारतीय एथलेटिक एसोसिएशन एथलेटिक्स खेल को देश में आगे नहीं बढ़ा सकती है।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में आयोजित साउथ कोरिया एशियाई चैंपियनशिप में भारत ने दूसरा स्थान प्राप्त किया अब हमारा लक्ष्य वर्ल्ड लेवल पर और ओलंपिक में मेडल जीतने का है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में शिक्षित तकनीकी अधिकारी की संख्या कम से कम 30 होनी अनिवार्य होनी चाहिए। डॉ. ललित के भनोट ने सभी जिला संघ के सचिवों को अपनी जिला मीट करने, उनको सही प्रकार से प्रचारित करने के लिए कहा।
अब देखना ये होगा कि खिलाड़ियों का भविष्य किस एसोसिएशन के साथ सुरक्षित हैं। हालांकि शहर के प्रशिक्षक जानते है कि किस एसोसिएशन के साथ जुड़ना सही होगा, लेकिन कोई भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
उनका ये भी कहना है कि बोलकर अपने बच्चों के लिए हम विवाद खड़ा नहीं करना चाहते है। इसलिए अच्छा ये ही होगा कि जब विवाद शांत होगा तब बच्चों को खिलाएंगे।