—1965 व 1971 की लड़ाई में भी बना था यही योग।

कानपुर। मार्च माह से चालू हुआ खपर योग 11 जून तक रहेगा। यह योग युद्ध की ओर संकेत कर रहा हैं। 1965 व 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध में भी इस तरह के संयोग बने थे।
ज्योतिषीय गणना की माने तो 15 मई से गुरु अतिचारी होंगे, जो धर्म को आगे बढ़ाने का काम करते है। वहीं जून के अंत तक शांति के संकेत बनने के संयोग नजर आ रहे है।
ज्योतिषाचार्य नितिशा मल्होत्रा के मुताबिक मार्च माह से 11 जून तक खपर योग चल रहा है, ये योग युद्ध की तरफ संकेत करते हैं। एक माह में 5 मंगलवार, शनिवार व रविवार पड़ने पर ऐसे संयोग बनते हैं।
इसके साथ ही 29 मार्च से शनि व राहु ने मीन राशि में प्रवेश किया है, जो आतंकवाद, युद्ध की गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम करते हैं। ऐसे संयोग 1965 व 1971 की लड़ाई में भी बने थे।
मंगल पर राहु की दृष्टि, खपर योग का बनना व जल की राशि मीन में शनि के रहने के कारण ही सिंधु जल समझौता भी रद हुआ। टैरो कार्ड रीडर ने बताया कि 14 मई से गुरु का अतिचारी होकर गोचर करना धर्मयुद्ध की तरफ इशारा करता है, ये योग महाभारत काल में भी बना था। जो धर्म की विजय को दिखाता है।
इसके साथ ही संधि कारक बुध भी असरदार साबित होंगे, इसलिए जून माह के अंत तक शांति समझौता होने की संभावना है। वहीं पाकिस्तान की कुंडली की बात करें तो मंगल की महादशा में मंगल का बीच राशि में गोचर राहु का दृष्टिपात विवाद को बढ़ावा दे रहा है। पश्चिम सीमा की तरफ से भारी दिक्कतों को भी जाहिर कर रहा है।
जून 2025 के अंत तक ग्रह स्थिति शांति की ओर संकेत कर रही है। बृहस्पति का मिथुन में गोचर बताता है कि भारत को वैश्विक समर्थन मिलेगा, और एक कूटनीतिक समाधान की दिशा बनेगी। लेकिन मई का पूरा महीना बहुत ही संवेदनशील रहेगा, सीमाओं पर सावधानी और जनता में संयम रहना अत्यंत आवश्यक है।