November 18, 2025

संवाददाता

कानपुर। दिल्ली से लापता 9वीं के छात्र को जीआरपी ने कानपुर सेंट्रल में बरामद कर लिया है। छात्र एक वृद्ध महिला के साथ हमीरपुर जा रहा था। जहां उसकी दादी रहती हैं। हालांकि, बाद में मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। बच्चे ने बताया कि वह अपनी दादी के घर जा रहा था। लेकिन फिरौती किसने मांगी और किस नंबर पर 50 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए। इसकी जांच दिल्ली पुलिस ने शुरू कर दी है।
छात्र के पिता ने कल शाम दिल्ली में छात्र के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पिता ने बेटे के मोबाइल से फिरौती मांगे जाने की बात भी कही थी। जिसके बाद उन्होंने 50 हजार रुपए ट्रांसफर भी कर दिए थे। लेकिन इसके बाद एक लाख रुपए और मांगे जा रहे थे।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर जीआरपी इंस्पेक्टर को सूचना मिली कि दिल्ली से कक्षा 9 के छात्र को अपहरण कर कानपुर की तरफ ले जाया जा रहा है। जीआरपी पुलिस ने तत्काल सूचना के बाद मिले नंबर को सर्विलांस पर लगाया। जीआरपी ने बच्चे को ढूंढना शुरू कर दिया और बालक को प्लेटफार्म नंबर एक से बरामद कर लिया।
सीओ जीआरपी डीके सिंह ने बताया कि दिल्ली में बालक के अपहरण का मुकदमा कारवाल नगर थाने में दर्ज कराया गया था। बच्चे की लोकेशन कानपुर की तरफ दिख रही थी।
दिल्ली से सूचना मिली कि बच्चे की लोकेशन इटावा के आसपास दिखाई दी है। इधर कानपुर सेंट्रल पर भी लोकेशन ट्रेस की जा रही थी, आउटर में लोकेशन दिखने पर सेंट्रल पर भी टीम तेजी से चेकिंग करने लगी। 

सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर एक बच्चे को देखा गया। जब जीआरपी पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह हमीरपुर जा रहा है। उसके साथ एक संदिग्ध बुजुर्ग महिला भी साथ दिखी। उससे जब पूछा गया तो उसने बताया कि वह भी हमीरपुर जा रही है और बच्चा इसका नाती है।
जीआरपी पुलिस ने तुरंत ही बच्चे के पास मिले मोबाइल से अपने मोबाइल पर कॉल किया तभी पता चला कि यह नंबर वही है, जो ट्रेस पर लगाया गया है और यह बच्चा भी वही है।
संदिग्ध महिला और बच्चे को जीआरपी थाने लाया गया। दोनों से जीआरपी पुलिस ने पूछताछ की। दिल्ली पुलिस कानपुर सेंट्रल पहुंची और बच्चे को लेकर रवाना हो गई।
दिल्ली पुलिस ने बताया की जिस व्हाट्सएप नंबर से अपहरण करने के बाद फिरौती मांगी जा रही थी। वही नंबर बच्चे के पास फोन में है। यानी कि उस व्हाट्सएप नंबर को कोई और प्रयोग कर रहा कर फिरौती मांग रहा था।
दिल्ली पुलिस के एसआई अभिमन्यु तोमर ने बताया कि बुधवार शाम 4:30 बजे कारवाल थाना में बच्चे के अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। छात्र के पिता इलेक्ट्रॉनिक्स का व्यापार करते हैं।
रात में जब व्हाट्सएप कॉल कर फिरौती मांगी गई, तो पिता ने उस यूपीआई नंबर पर 50,000 रुपए की रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद उन लोगों ने व्हाट्सएप कॉल करके दोबारा एक लाख रुपए की रकम ट्रांसफर करने को कहा।
जीआरपी इंस्पेक्टर कानपुर ओम नारायण ने बताया कि जब छात्र को प्लेटफार्म नंबर एक से थाने लाया गया तो उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में छात्र ने बताया कि स्कूल में कुछ साथ के ही छात्र उससे मारपीट करते थे इसलिए वह दिल्ली के अपने घर से हमीरपुर में रहने वाली अपनी दादी के घर जाने के लिए अकेले निकल पड़ा। 

लेकिन मुख्य सवाल यह उठता है कि आखिर उस छात्र के मोबाइल नंबर का व्हाट्सएप कौन चला रहा था। फिरौती की रकम व्हाट्सएप कॉलिंग करके किसने मांगी। यह खुलासा तो दिल्ली पुलिस की आगे की जांच के बाद ही हो सकेगा।