June 16, 2025

आज़ाद संवाददाता 

कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने रिसर्च स्कॉलर डे 2025 का आयोजन किया, जिसमें अनुसंधान समुदाय की खोज और नवाचार की भावना का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले विद्वानों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता दी गई।

इसरो के पूर्व निदेशक यू.आर. राव सेटेलाइट सेंटर एवं पद्मश्री पुरस्कार विजेता डा. मायलस्वामी अन्नादुरई मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मून मैन ऑफ इंडिया के रूप में प्रसिद्ध डॉ. अन्नादुरई ने भारत के प्रमुख अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और मार्स ऑर्बिटर मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

समारोह की शुरुआत डॉ. अन्नादुरई, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जीएम कामथ और एसएई के संकाय सलाहकार प्रो. प्रदीप मोइज ने दीप प्रज्ज्वलित कर की।

अपने स्वागत भाषण में प्रो. कामथ ने अनुवादात्मक अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला तथा उभरते वैश्विक गतिशीलता के बीच राष्ट्रीय विकास और सुरक्षा में योगदान देने के लिए भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए रणनीतिक प्रयास पर बल दिया।

डॉ. मायलस्वामी अन्नादुरई ने एक सम्मोहक भाषण में इसरो में अपने 36 साल के शानदार कैरियर से जुड़ी जानकारियां साझा कीं। वह वर्तमान में तमिलनाडु राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय डिजाइन एवं अनुसंधान फोरम में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत है। उन्होंने भारत के प्रमुख उपग्रह और अंतरग्रहीय मिशनों का नेतृत्व करने की जटिलताओं और उपलब्धियों पर सम्बोधित किया। उनके संबोधन ने राष्ट्रीय और वैश्विक अंतरिक्ष प्रयासों को आगे बढ़ाने में लचीलेपन, सहयोग और दूरदर्शी नेतृत्व के महत्व को रेखांकित किया।

इसके बाद एक गतिशील संवादात्मक सत्र हुआ, जिसमें शोधार्थियों ने मिशन नियोजन से लेकर उपग्रह प्रणालियों में नवाचार तक के विषयों पर डॉ. अन्नादुरई से बातचीत की। डा. अन्नादुरई की उपस्थिति की सराहना करते हुए प्रो. कामथ ने विभाग की ओर से उन्हें एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।

कार्यक्रम की शुरुआत एलिवेटर पिच सत्र से हुई, जिसमें विद्वानों ने अपने शोध के बारे में दो मिनट की संक्षिप्त प्रस्तुतियां दीं, उसके बाद हॉल ऑफ़ फ़ेम में पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई। दोपहर के सत्र में मौखिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें आईआईटी कानपुर में एयरोस्पेस विज्ञान और इंजीनियरिंग में उन्नत शोध की विविधता पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम का समापन सर्वश्रेष्ठ पोस्टर और मौखिक प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कारों के साथ हुआ, जिसमें असाधारण विद्वानों के काम को मान्यता दी गई।

समारोह का समापन प्रो. प्रदीप मोइज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में संकाय, छात्रों, आमंत्रित वक्ताओं, मूल्यांकनकर्ताओं और आयोजन समिति के योगदान की सराहना की।

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