July 14, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर में चतुर्थ एआईयू राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न हिस्सों से 20 से अधिक टीमों ने भाग लिया जिनमें 70 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हैं। इस त्रिदिवसीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभारी डीप फेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा करेंगे। प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को विधिक क्षेत्र में कौशल विकास एवं व्यावसायिक परिपक्वता के संबंध में एक अनूठा मंच प्रदान करना है।

प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई प्रेक्षाग्रह में आयोजित किया गया। समारोह का प्रारम्भ मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के  न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, विश्वविद्यालय के  प्रतिकुलपति प्रो.सुधीर कुमार अवस्थी, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव, बिजनेस मैनेजमेंट स्कूल के निदेशक सुधांशु पांड्या एवं अटल बिहारी वाजपेई स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के निदेशक डॉ. शशिकांत त्रिपाठी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से किया गया। इसके पश्चात डॉ.शशिकांत त्रिपाठी द्वारा स्वागत भाषण व प्रतिभागी टीमों को शुभकामनाएं दी गईं। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं के महत्व को रेखांकित किया, उसे नवोदित वकीलों के लिए अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा मूट कोर्ट प्रतियोगिता किसी को अस्थायी रूप से वकील के रूप में कदम रखने की अनुमति देती है। प्रतिभागियों को घबराना नहीं चाहिए, न्यायाधीश पूर्णता से अधिक जुनून का मूल्यांकन करते हैं। जीत से ज्यादा भागीदारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सीखना एक सतत यात्रा है। उन्होंने परिवार, स्कूल और कॉलेज से प्रगति की तुलना मूट कोर्ट द्वारा पेशेवर नेटवर्किंग के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले दीर्घकालिक सहयोग से की। उन्होंने कहा कि कानून समाज के साथ विकसित होता है। उन्होंने निरंतर सीखने के महत्व पर प्रकाश डाला, दर्शकों से सीखने, भूलने और फिर से सीखने का सुझाव प्रतियोगियों को दिया।

उन्होंने प्रौढ़ शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले के समय में इसका अर्थ बुजुर्गो को शिक्षित करने से था, परन्तु वर्तमान में इसका अर्थ सीखा हुआ भूलकर पुनः सीखने से है। अंत में डीपफेक के इस्तेमाल एवं साइबर अपराधों के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि कैसे कंपनीज आपका डाटा एकत्र करते हैं, साथ ही उन्होंने ईएससीआर, डिजिटल एससीआर एवं ई कोर्ट्स जैसे ऐप्स के बारे में जानकारी साझा की। न्यायमूर्ति बिंदल ने डीपफेक तकनीक और साइबर अपराध जैसे उभरते मुद्दों पर केंद्रित मूट प्रस्ताव पर भी चर्चा की। सामुदायिक जुड़ाव की वकालत करते हुए, उन्होंने कानून के छात्रों से गांवों को गोद लेने और वास्तविक जीवन के अनुभव और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने तकनीकी प्रगति की प्रशंसा की, सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग और ई-एससीआर पोर्टल के लाभों का उल्लेख किया, जो विभिन्न भाषाओं में 37,000 निर्णय प्रदान करता है।  

सीएसजेएम विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने सम्मानित अतिथियों को उद्घाटन समारोह में अमूल्य समय देने का धन्यवाद ज्ञापित किया व अपने वक्तव्य में सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक को विश्वविद्यालय की विकास के लिए धन्यवाद किया। इसके पश्चात उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति ने अनुसंधान के क्षेत्र में अत्यधिक योगदान दिया है एवं न्यायपालिका में एआई को शामिल करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हैं। साथ ही प्रति-कुलपति ने बताया कि हम जल्द ही विश्वविद्यालय में न्यायिक विज्ञान विभाग स्थापित करने जा रहे है। साथ ही पूर्व की दो मूट कोर्ट  प्रतियोगिताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता मौखिक एवं लिखित वकालत में बहुत लाभ प्रदान करती है व इसके द्वारा छात्रों के अंदर स्टेज का डर समाप्त करने में भी सहायता मिलती है। 

उद्घाटन समारोह का समापन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ.अनिल कुमार यादव द्वारा सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो.आर.के द्विवेदी , डॉ. पंकज द्विवेदी, दिव्यांशु शुक्ला, समरेंद्र चौहान, स्मृति रॉय और आयोजन समिति में डॉ. राहुल तिवारी, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. समीउद्दीन, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मयूरी सिंह, डॉ. प्रिया अवस्थी, डॉ. पुलत्स्य शुक्ला, डॉ. ऋषि श्रीवास्तव, डॉ. कौशिकी त्रिवेदी, डॉ. मोहित अवस्थी, डॉ. मेघना बाजपेयी, डॉ. प्रभात सिंह और डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह मौजूद रहे।

इस आयोजन के पश्चात मूट कोर्ट प्रतियोगिता प्रारंभ हुई जिसमे प्रथम दिन 13 कोर्ट रूम संचालित हुए, जिनमें 2 प्रारंभिक राउंड हुए, जिसके पश्चात 26 में से 13 टीमें अगले दिन दिनांक 22.02.2025 को होने वाले क्वार्टर फाइनल के लिए व उसमें से विजयी होने वाली 4 टीमें सेमी फाइनल के लिए चयनित की जायेंगी, जिसमें से विजयी अंतिम 2 टीमों के मध्य दिनांक 23.02.2025 को फाइनल राउंड का आयोजन किया जाएगा।