February 9, 2025

आ.सं.

कानपुर। उत्तर प्रदेश की सीनियर टीम में शामिल होने के लिए बीते कई सालों से प्रयासरत लेग स्पिनर जीशान अंसारी को आखिरकार उनकी मेहनत का फल मिल ही गया। इस साल की यूपी टी 20 लीग में उनके बेहतरीन प्रदर्शन का श्रेय उनको मिला जब उन्हे इस साल के रणजी ट्राफी सत्र के आखिरी दो मैचों के लिए टीम का हिस्सा बना लिया गया। प्रवीण कुमार की अगुआई वाली चयन समिति ने इस युवा बॉलिंग ऑलराउंडर को इस सीजन के बचे हुए दो रणजी ट्रॉफी मैचों के लिए 17 सदस्यीय उत्तर प्रदेश की टीम में शामिल किया है। जीशान के टीम में आने से यह धारणा भी खत्म हो गई कि लखनऊ का यह खिलाड़ी टीम के सपोर्ट स्टाफ की सूची में नही है और इस रवैये में बदलाव के लिए चयनकर्ताओं को हिम्मत की जरूरत थी। दरअसल, यह हिम्मत विजय हजारे ट्रॉफी में दिखी, जब टीम प्रबंधन ने दिल्ली के पूर्व कप्तान नितीश राणा को उनकी लगातार असफलताओं के चलते टीम से बाहर करने का फैसला किया। कथित तौर पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडे के रूप में पुरुष क्रिकेट के नए निदेशक द्वारा इसमें जान फूंक दी गई, जिन्होंने अतीत में टीम के कोच के रूप में भी कई बार घरेलू श्रृंखला में टीम को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की। 

सूत्र बताते हैं कि अगर संघ के भीतर अतीत में भी ऐसे साहसिक फैसले लिए गए होते, तो वरिष्ठ क्रिकेटर अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे। गौरतलब है कि 25 वर्षीय अंसारी आईसीसी अंडर-19 यूथ वर्ल्ड कप में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद सीनियर टीम के लिए हमेशा अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। पांच रणजी ट्रॉफी मैचों में जीशान ने 3.65 की औसत से 17 विकेट लिए हैं। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और 76 रन के साथ 117 रन बनाए। लेकिन 2020 में कानपुर में तमिलनाडु के खिलाफ मैच खेलने के बाद जीशान को किसी भी टीम में मौका नहीं दिया गया। इस सीजन में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी उन्हें रणजी ट्रॉफी के पहले चरण के पहले पांच मैचों में नजरअंदाज किया गया और यहां तक कि सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी उन्हें नेट बॉलर के तौर पर इस्तेमाल किया गया, जबकि दोनों ही इवेंट में कई खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। 17 सदस्यीय टीम में भी इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ युवा खिलाड़ियों को बाहर रखा गया है और कुछ पुराने चेहरों को शामिल किया गया है, जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। चार मैचों की छह पारियों में अच्छी औसत से सिर्फ 150 रन बनाने वाले नीतीश राणा को बाहर करना सही फैसला है।

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