संवाददाता। कानपुर। नगर में किसान बाबू सिंह यादव के आत्महत्या कांड में अभी तक मुख्य अभियुक्त भाजपा नेता प्रियरंजन दिवाकर की गिरफ्तारी न होने से परिजन बेचैन हैं। इसको लेकर बुधवार को परिजन मंडलायुक्त अमित गुप्ता से मिले। परिजनों ने कमिश्नर से 50 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई। किसान की पत्नी बिट्टन, बेटी रूबी और काजल ने न्याय करने की गुहार लगाई। इस मौके पर पत्नी बिट्टन ने बताया, भाजपा नेता और यूपी बाल संरक्षण आयोग के सदस्य प्रियरंजन आशु, भाजपा नेता शिवम चौहान और अन्य साथियों ने धोखे से जमीन हड़प ली। इस कारण पति ने आत्महत्या कर ली और बेटियां अनाथ हो गईं। ये जमीन हमारी है, हमारे परिवार की है और हमारी बेटियों को ये जमीन हर कीमत में वापस मिलनी ही चाहिए। कमिश्नर से मुलाकात के दौरान बेटी रूबी और काजल ने कहा, पापा चले गए…हमें तो समझ नहीं आ रहा अब जीवन कैसे कटेगा। पापा ने हमारे लिए, जो-जो सपने देखे थे…सब तबाह हो गए। हमको अनाथ करने वाला अभी भी यूपी बाल आयोग का सदस्य बना बैठा है और खुलेआम घूम रहा है।मुलाकात के दौरान मंडलायुक्त ने परिजनों को आश्वासन दिया कि मामले की जानकारी हुई है। कहा, नायब तहसीलदार समेत जिन-जिन की मिलीभगत होगी उन पर कार्रवाई होगी। वे पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी से बात करेंगे। साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ भी परिवार को मिले। इस बात के लिए भी जिलाधिकारी से कहेंगे।