संवाददाता।
कानपुर। नगर के अरौल थाना क्षेत्र में गुरुवार को डंपर और स्कूली वैन की टक्कर में घायल बच्चों के परिजनों में गुस्सा है। घटना में एक बच्चे की मौत हो चुकी है। वहीं, एक 8 साल की बच्ची निष्ठा हैलट के आईसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। घायल बच्चों के परिजनों ने कहा, स्कूल से घटनास्थल बहुत दूर नहीं था। महज 500 मीटर की दूरी पर घटना हुई थी। इसके बावजूद घटना के बाद बच्चे मौके पर करीब 30 मिनट तक तड़पते रहे, लेकिन स्कूल की तरफ से कोई भी मदद के लिए नहीं आया और ना ही किसी ने मौके पर गाड़ी भेज कर बच्चों को अस्पताल तक भिजवाने की सोची। परिजनों के मुताबिक जब घटना हुई तो उसके बाद वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी स्कूल तक पहुंचाई। इस दौरान बच्चे खून से लथपथ सड़क पर तड़प रहे थे। यह नजारा देख हर किसी की रूह कांप गई। ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाकर एक-एक कर बच्चों को सड़क से उठाकर किनारे किया। इसके कुछ देर बाद ही मौके पर पुलिस भी आ गई।हादसे में घायल निष्ठा के परिजनों ने बताया, जिस समय यह घटना हुई उसके 30 मिनट तक कोई भी मदद मौके पर नहीं मिली। इसी बीच एक एम्बुलेंस वापस मरीज को छोड़कर कहीं जा रही थी। ग्रामीणों ने उस एम्बुलेंस को रुकवाया और गंभीर रूप से घायल 6 बच्चों को एम्बुलेंस में रखकर उन्हें पास के सीएचसी ले गए, जहां पर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। घायल बच्ची निष्ठा के चाचा हिमांशु बाजपेई ने कहा, “स्कूल वालों की लापरवाही बच्चों की जान की आफत बन गई है। इसके लिए अरौल क्षेत्र में अभियान चलाया जाएगा। यदि स्कूल वाले जागरूक हों और सभी वैन की फिटनेस और कागज को समय-समय पर देखते रहते तो आज इस तरह का हादसा ना हो पाता। क्योंकि जिस वैन से हादसा हुआ है, उस वैन का चालक नशे में धुत था। निष्ठा के ताऊ राघवेंद्र दीक्षित ने बताया कि गुरुवार को निष्ठा स्कूल जाने के लिए मना कर रही थी, लेकिन घर वालों ने जबरदस्ती उसे स्कूल भेज दिया। काश उसकी बात मान लेते तो आज उसको इतनी चोट न आती। निष्ठा के सिर व आंख में चोट आई है। घायल सूर्यांश त्रिपाठी के बाबा कृष्ण खिलावन त्रिपाठी ने कहा,”घटनास्थल और फिर वहां पर खड़ी स्कूली वैन को देखने के बाद दिल दहल गया था। वैन को देखकर नहीं लग रहा था कि इसमें कोई बचा भी होगा, लेकिन ईश्वर की बड़ी कृपा रही की अधिकतर बच्चे सही सलामत थे। आसपास के लोगों से पूछा तो उन्होंने उस भयावक दृश्य को बताया, जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी के हाथ पांव कांप रहे थे। परिजनों ने बताया, शुक्रवार सुबह स्कूल प्रबंधक व उनके साथ कुछ शिक्षक आए थे, जो यहां पर खाना पूर्ति करके चले गए। उन्होंने परिजनों से मुलाकात की और कहा हम आपके साथ हैं, लेकिन परिजनों ने उनसे कहा कि अगर साथ में है तो इस गंभीर मुद्दे पर खुद आगे आकर एक्शन लेना होगा। ताकि ऐसी घटना दोबारा ना घट सके।