संवाददाता।
कानपुर। देश के दूसरे ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिग की स्थापना अब जल्द ही कानपुर में की जाएगी। लगभग नौ साल की कवायद के बाद यह सपना पूरा होने जा रहा है। इसके लिए सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने काफी पैरवी की तब जाकर इस पर सफलता मिली। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि इस संस्थान को बनाने के लिए काफी लंबे समय से जद्दोजहद चल रही थी। आखिर वो समय आ गया है जब इस इंस्टिट्यूट का निर्माण होने जा रहा है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडवीया ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन के दौरान बताया कि कानपुर में यह देश का दूसरा अस्पताल होगा। डॉ. संजय काला ने बताया कि भवन निर्माण के निर्माण के लिए 1080 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ है। इसके लिए पनकी और भाऊपुर के बीच सुरार गांव में 25 एकड़ भूमि चिह्नति की जा चुकी है। संस्थान में दिव्यांगों के इलाज व प्रशिक्षण की उचित व्यवस्था की जाएगी।ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिग का पहला इंस्टीट्यूट कर्नाटक के मैसूर में स्थापित है, जोकि वर्ष 1965 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल पर बना था। बताते चले कि लगभग 2013 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की पहल पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कानपुर में इंस्टीट्यूट की स्थापना का निर्णय लिया था। उस समय तत्कालीन सीएमओ डॉ. आरपी यादव को भूमि का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया था। 2015 में 25 एकड़ भूमि चिह्नति कर ली गई थी। उसी के बाद से यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था। 2018 में सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने फिर से इसकी पहल शुरू की। इसके बाद भूमि की स्थिति का जायजा लेने के लिए उस समय मैसूर स्थित संस्थान की निदेशक डॉ. एसआर सावित्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के उप सचिव जिले सिंह भी सुरार में स्थित जमीन का निरीक्षण करने के लिए आए थे। डॉ. एसआर सावित्री की रिपोर्ट के आधार पर सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद शुरू हुई थी। ऑडियोलॉजी और वाक् भाषा पैथोलॉजी में स्नातक, युवकों के लिए प्रशिक्षण डिप्लोमा, श्रवण भाषा और वाक् भाषा में डिप्लोमा, संचार विकारों में पाठ्यक्रम, श्रवण उपकरण और इयर मोल्ड तकनीकी में डिप्लोमा, विशेष शिक्षा में स्नातक, न्यूरो ऑडियोलॉजी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, फोरेंसिक भाषा विज्ञान और तकनीक में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, पीएचडी (ऑडियोलॉजी), पीएचडी (वाक् भाषा पैथोलॉजी), एमएससी (ऑडियोलॉजी), एमएससी (वाक् भाषा पैथोलॉजी)उपलब्ध होंगे।