कानपुर। सेल फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन (सीडीएपी) का वार्षिक दिवस समावेशिता को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षमताओं वाले व्यक्तियों के लिए एक पोषण वातावरण स्थापित करने के लिए संस्थान के समर्पण को दर्शाता है। सीडीएपी के वार्षिक दिवस के मौके पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर एस.गणेश ने कहा।
यह जानकारी देते हुए रविवार को मीडिया प्रभारी भाविशा उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने परिसर में सीडीएपी की परिवर्तनकारी भूमिका के बारे में जानकारी साझा करते हुए दिव्यांग व्यक्तियों के समावेश को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक विचार भी व्यक्त किए।
आईआईटी कानपुर के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सिद्धार्थ पाण्डा ने आंशिक रूप से नेत्रहीन और दृष्टिबाधित छात्रों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैप्टिक स्मार्टवॉच और ब्रेल लर्निंग डिवाइस सहित अपने नवीन तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन किया। इसके बाद, आईआईटी कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आशुतोष मोदी, जो सक्रिय रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर शोध में लगे हुए हैं, उन्होंने प्रौद्योगिकी और सांकेतिक भाषा पर केंद्रित अपने आगामी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी साझा की, जिसमें सांकेतिक भाषा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के अनुप्रयोगों पर व्यापक चर्चा की गई। प्रोफेसर आशुतोष मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे इन तकनीकों में दृश्य भाषाओं की समझ और व्याख्या में उल्लेखनीय सुधार करने की क्षमता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मनप्रीत कौर कालरा ने एक छोटे से कमरे में अपनी साधारण शुरुआत से लेकर राष्ट्रीय पहचान हासिल करने और दिसंबर 3, 2023 में अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के दौरान प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने तक के दिव्यांग विकास सोसायटी की यात्रा पर प्रकाश डाला।
संस्थान के सेल फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन (सीडीएपी) का वार्षिक दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में दिव्यांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। आयोजन का उद्देश्य सांकेतिक भाषा के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना था, जिसका उपयोग मूक और बधिर व्यक्तियों के साथ संवाद करने के लिए किया जाता है।
वार्षिक दिवस का उद्घाटन आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर एस. गणेश द्वारा, प्रोफेसर अनुभा गोयल, सीडीएपी की सदस्य और मुख्य अतिथि मनप्रीत कौर कालरा के साथ दीप प्रज्ज्वलन समारोह का सुभारंभ किया । दिव्यांग विकास समिति के बच्चों द्वारा सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हुए दीप प्रज्वलन के साथ राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया।