संवाददाता। कानपुर। आईआईटी कानपुर में इंटेलिजेंट ग्रीवेंस मॉनिटरिंग सिस्टम 2.0 लोक शिकायत पोर्टल का शुभारंभ किया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पोर्टल का शुभारंभ किया। यह अपनी क्षमताओं के संदर्भ में एआई/एमएल का उपयोग करते हुए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली पोर्टल का एक प्रमुख अपग्रेड है। आईजीएमएस 2.0 डैशबोर्ड को आईआईटी कानपुर की टीम द्वारा विकसित किया गया है। इसमें प्रोफेसर शलभ, प्रोफेसर निशीथ श्रीवास्तव और छात्र शामिल हैं। आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने कहा कि “आईआईटी कानपुर हमेशा समाज के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के अपने मिशन में काम करता है। अधिक संवेदनशील और नागरिक-केंद्रित प्रशासन प्राप्त करने की दिशा में सरकार के एक अभिनव कदम में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है। आईआईटी कानपुर के गणित और सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर और डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर शलभ ने कहा कि “आईआईटी कानपुर और डीएआरपीजी के बीच 14 दिसंबर 2021 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद सीपीजीआरएएमएस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) क्षमताओं के साथ अपग्रेड करने का काम शुरू हुआ था। यह डैशबोर्ड दर्ज की गई और निपटाई गई शिकायतों, राज्य-वार और जिला-वार दर्ज की गई शिकायतों और मंत्रालय-वार डेटा का त्वरित सारणीबद्ध विश्लेषण प्रदान करता है। इसके अलावा, डैशबोर्ड अधिकारियों को शिकायत के मूल कारण की पहचान करने में भी मदद करेगा।” आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर निशीथ श्रीवास्तव ने कहा कि “प्रशासन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग के लिए एक विशेष रूप से उपयोगी क्षेत्र है क्योंकि दोनों सूचना और शक्ति के केंद्रीकरण को तर्कसंगत बनाते हैं। आईआईटी कानपुर का चल रहा शोध ऐसे इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित करने पर जोर देना जारी रखेगा जो इस बात के प्रति संवेदनशील हों कि कृत्रिम रूप से इंटेलिजेंस एंटीटीज मनुष्यों के साथ कैसे बातचीत करती हैं।” उन्होंने बताया कि जानकारी के अनुसार सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर सालाना लगभग 20 लाख शिकायतें प्राप्त होती हैं। शिकायतों का वर्गीकरण और निगरानी मैन्युअल रूप से नहीं की जा सकती। उन्नत आईजीएमएस पोर्टल चयनित योजना/मंत्रालय के लिए मसौदा पत्र बनाने में डीएआरपीजी की सहायता करेगा और संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा शिकायत निवारण प्रक्रिया में तेजी लाएगा। इस मौके पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार सीपीजीआरएएमएस में डीएआरपीजी द्वारा किए गए सुधारों के कारण केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा सार्वजनिक शिकायतों का औसत निपटान समय कम हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के लिए औसत निपटान समय में लगभग 50% की गिरावट आई है, जो 2021 में 32 दिन से घटकर 2023 में 18 दिन हो गया है।