संवाददाता।
कानपुर। आईआईटी में एमटेक स्टूडेंट विकास मीना का सुसाइड नोट भले ही पुलिस बरामद नहीं कर सकी, लेकिन उसकी एक सॉफ्ट कॉपी मृतक छात्र के मोबाइल में मिल गई। छात्र ने फेल होने और फिर संस्थान से टर्मिनेट करने पर यह कदम उठाया है। सुसाइड नोट से यह बात पूरी तरह से साफ हो गई। इसलिए, आईआईटी प्रशासन ने सुसाइड नोट काे दबाने का प्रयास किया। मृतक छात्र विकास मीना मेरठ के कंकरखेड़ा का रहने वाला था। वह आईआईटी से एयरोस्पेस ब्रांच से एमटेक सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। विकास ने बुधवार शाम हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। इस मामले में कोई भी स्टूडेंट बोलने को तैयार नहीं है कि आखिर सुसाइड नोट की ओरिजनल कापी कहां गई? बेटे की मौत और फिर सुसाइड नोट सामने आने पर पिता नेमचंद्र मीना फफक पड़े। रोते हुए उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा कि तुझे किस चीज की कमी थी। अगर तू कुछ भी नहीं करता तो मैं तुझे जिंदगी भर बैठाकर खिलाता…। लेकिन तुमने ये क्यो किया…? हम सब जिंदा रहकर भी मर गए हैं, तेरी याद में रोज तिल-तिल कर मरेंगे…। जो कुछ बनाया है सब तेरा ही तो है। एक बार हम लोगों के बारे में भी सोंच लिया होता…। रोते-रोते पिता पोस्टमार्टम हाउस परिसर में लड़खड़ाने लगे। साथ में मौजूद उनके भतीजों और परिवार के अन्य लोगों ने उन्हें किसी तरह संभाला। यह सब देख परिवार के लोगों ही नहीं वहां खडी पब्लिक और पुलिस कर्मी की आंखें भी नम हो गईं। कानपुर के कल्याणपुर थाने की पुलिस गुरुवार सुबह से शाम तक आईआईटी में जांच-पड़ताल करती रही। 50 से ज्यादा छात्रों से पूछताछ और उनके रूम की तलाशी के साथ ही सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इसके बाद भी पुलिस सुसाइड नोट बरामद नहीं कर सकी। कल्याणपुर थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि जांच की जा रही है। सॉफ्ट कॉपी मिल गई है, लेकिन अभी तक हार्ड कॉपी बरामद नहीं हो सकी है। जांच की जा रही है। अगर सुसाइड नोट नहीं मिला तो मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आईआईटी कानपुर में सुसाइड के आंकड़े बता रहे हैं कि कुछ गड़बड़ है। जिसकी वजह से एक के बाद एक छात्र और फैकल्टी के लोग सुसाइड कर रहे हैं। सुसाइड करने वालों की दिन प्रतिदिन लिस्ट लंबी होती जा रही है। जबकि आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थान में तनाव मुक्त माहौल देने को लेकर हर संभव प्रयास किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी ताबड़तोड़ सुसाइड की घटनाएं चिंताजनक हैं।