संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश के सबसे ज्यादा चर्चित हत्याकांड, बिकरू कांड के मामले में कोर्ट ने पहली बार सजा सुनाई है। इस मामले में अंत तक पैर जमाकर पैरवी करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने बहुत ही कमज़ोर ढंग से अपना योगदान दिया है। पुलिस की कमज़ोर विवेचना के चलते इस हत्याकांड के सात आरोपी बरी हो गए। उन्होंने कहा कि इस हाइप्रोफाइल मामले में पहली बार सजा हुई है, और मैं इस मामले में अंत तक पैरवी करता रहा हूँ इस कारण से मुझे अपनी जान का खतरा है और मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए। बिकरू कांड की पैरवी करने वाले आईटीआई एक्टिविस्ट ने यह भी कहा है कि हाईकोर्ट में भी वह इस मामले की लड़ाई जारी रखेंगे। कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि हाई कोर्ट इस मामले में सजा मिलने वाले लोगों की सजा बरकरार रखेगी। बिकरू कांड मामले में एकमात्र पैरोकार, वकील व आरटीआई एक्टिविस्ट सौरभ भदौरिया ने बताया कि मंगलवार को कानपुर देहात की गैंगस्टर कोर्ट ने पहली बार इस मामले में सजा सुनाई है। जिसमें 23 आरोपियों को 10-10 साल की सजा और 50-50 जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही साथ 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। सौरभ भदौरिया ने कहा कि पुलिस की लचर विवेचना के कारण ही गुड्डन त्रिवेदी समेत 7 आरोपियों को कोई सजा नहीं मिली। उन्होंने बताया कि बिकरू कांड पूरे देश को दहला देने वाला कांड था। जिसमें पुलिस कर्मियों की हत्या की गई थी। सजा दिलाने को लेकर मैने पैरोंकारी करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ी। लेकिन जैसे ही जांच जब शुरू हुई तो उसमें तेजी दिखाई दिया लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया। पुलिस की विवेचना कमजोर होती गई। यही कारण है कि गुड्डन त्रिवेदी समेत 7 आरोपी को कोर्ट ने बिकरू मामले में बरी कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिस दौरान कोर्ट ने आरोपियों को सज़ा सुनाई उस दौरान कोर्ट का माहौल शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई, तो वहीं सात आरोपियों के बरी होने पर थोड़ी मायूसी भी नजर आई। लेकिन सज़ा के दौरान वहां पर पुलिस का कोई भी आला अधिकारी नहीं पहुंचा था। उन्होंने बताया कि इस मामले मे हाई कोर्ट में जाकर अपील की जाएगी कि इस सजा को बरकरार रखा जाए। आरोपियों को किसी भी तरह से राहत न मिले। उन्होंने बताया कि मुझे खुद कई बार धमकियां मिल चुकी हैं, क्योंकि मैं लगातार इस मामले में पैरवी करने का काम कर रहा हूं । कोर्ट ने अब 27 आरोपियों की सजा का फैसला किया है। उनके गुर्गों से भी जान का खतरा है। इसके साथ ही 7 आरोपी बरी किए गए हैं ,जिनके गुर्गे लगातार देख लेने की धमकी दिया करते थे। इनमें से एक गुड्डन त्रिवेदी जिस पर पहले भी आपराधिक मुकदमा चल चुका है। उसके गुर्गों के द्वारा हमला कराने की कोशिश की जा सकती है । इसलिए मैंने पहले भी कई बार खुद की सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।