संवाददाता।
कानपुर। नगर मे आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग ने शुक्रवार को “क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वास्तव में भविष्य में हमारी नौकरियों पर कब्जा कर लेगा?” विषय पर वेबिनार आयोजित किया। सीएसई विभाग के प्रोफसर आशुतोष मोदी ने इसकी मेजबानी की। उन्होंने इससे जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। वेबिनार 12वीं कक्षा के छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए था। प्रो. आशुतोष मोदी ने औद्योगिक क्रांति और कंप्यूटर के आगमन जैसी ऐतिहासिक तकनीकी क्रांतियों के साथ समानताएं दर्शाते हुए, उन्होंने चर्चा की कि कैसे एआई, मानव नौकरियों को पूरी तरह से बदलने के बजाय, एक ऐसे प्रवर्तक के रूप में काम करेगा जो मानव क्षमताओं और दक्षता को बढ़ाता है। जनरेटिव एआई तकनीक पेशेवरों को रचनात्मक और जटिल कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाकर उत्पादकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती हैं। प्रो. मोदी ने एक आंकड़े का हवाला दिया जो दर्शाता है कि 85% भारतीय उम्मीद करते हैं कि एआई अगले पांच वर्षों में नई नौकरियां पैदा करेगा। प्रोफेसर मोदी ने चर्चा के दौरान नैतिक विचारों के पहलू को संबोधित किया। उन्होंने व्यापक एआई लाभों की सराहना के लिए “संरेखण समस्या” को हल करने में एआई (AI) समुदाय की सक्रिय भूमिका पर भी चर्चा की। प्रोफेसर मोदी ने एआई के अनुप्रयोगों के साथ उन विशिष्ट परियोजनाओं पर भी चर्चा की, जिनमें वह खुद कार्य कर रहे हैं। इसमें कानूनी क्षेत्र में इसका उपयोग भी शामिल है। एआई कानूनी दस्तावेजों को समझकर और अदालती फैसलों की भविष्यवाणी करके लंबित मामलों को जल्द निस्तारण करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर का कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) और संबंधित ट्रेंडिंग क्षेत्रों में एक मजबूत आधार प्रदान करके, आलोचनात्मक सोच को अपनाकर और उद्योग सहयोग और अत्याधुनिक अनुसंधान पहलों के माध्यम से विकसित तकनीकी परिदृश्य और नवाचारों के लिए तैयार कर रहा है।