September 17, 2024

कानपुर। साल 2015 में प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के बीच ग्रीनपार्क को लीज के लिए हुए समझौते पर अगर अमल किया गया होता तो स्टे‍डियम आज अपने पुरसाहाल को रो नही रहा होता। लीज पर समझौते के 9 साल बीतने के बाद भी यूपीसीए ने एक भी दीर्घा को मेनटेन करने का काम समय से नही किया। कानपुर क्रिकेट संघ से जुडे एक पूर्व सदस्य के अनुसार अगर यूपीसीए ने स्टेडियम के प्रति थोडी भी रुचि दिखायी होती तो आज स्टेडियम अपने उरूज पर चमक रहा होता। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ ने कभी भी ग्रीनपार्क के निर्माण कार्य को गंभीरता से नही लिया अगर लिया होता तो दर्शक क्षमता तो बढ ही जाती साथ ही सभी दीर्घा बहुमंजिली भी हो जाती। कभी देश के स्थाई टेस्ट सेंटरों में शुमार ग्रीन पार्क स्टेडियम लगातार जर्जर होता जा रहा है। जब कभी यहां पर मैचों का आवंटन होता है तो स्टेडियम को मैच के लिए तैयार किया जाता है। अगले मैच तक स्टेडियम और अधिक जर्जर हो चुका होता है। 27 सितंबर से यहां पर भारत और बांग्लादेश के बीच  टेस्ट मैच खेला जाना है। जिसको लेकर स्टेडियम को सजाने संवारने का काम किया जा रहा है। जबकि स्टेडियम बुनियादी तौर पर काफी खराब हो चुका है। दरअसल स्टेडियम की तमाम दीर्घाओं के पिलर्स में दरारें आ चुकी हैं। इन दरारों की वजह से हादसे भी पेश आ सकता है। मैच को देखते हुए जिला प्रशासन ने 50 लाख रुपए से स्टेडियम की सूरत बदलने का प्रयास शुरू कर दिया है। वही स्टेडियम की दुर्दशा का जिम्मेदार उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन है। दरअसल यूपीसीए में स्टेडियम को लीज में लेने के बाद इसकी देखरेख नहीं की। यही वजह है कि स्टेडियम खराब होता चला गया। इस दौरान करोड़ों रुपए लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने नया प्लेयर पैवेलियन भी बनाया लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में पूरा स्टेडियम जर्जर हो गया है। टेस्ट मैच के लिए स्टेडियम को तैयार किया जा रहा है लेकिन स्टेडियम की तमाम दीर्घा में दरारें को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह स्टेडियम दर्शकों के लिए सेफ नहीं है। लीज की शर्तो के मुताबिक स्टेडियम के मेंटेनेंस का काम यूपीसीए का है जो वह कभी नहीं करता।इस मामले में बात करने के लिए संघ के कार्यालय में कोई अधिकारी भी मौजूद नही मिला और फोन भी उठाने की आवश्यकता नही समझी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *