November 21, 2024
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज।

कानपुर। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज  में लगभग 300 करोड़ की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। इस बिल्डिंग की निर्माण पीजीआई के बगल में होगा। इसके लिए कॉलेज प्रशासन को शासन से मंजूरी भी मिल गई है।ट्रामा सेंटर का निर्माण होने से हैलट इमरजेंसी को लोड काफी हद तक कम हो जाएगा। अभी 24 घंटे में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज यहां पर आते हैं। ट्रामा सेंटर बनने के बाद मरीजों को और भी बेहतर उपचार मिल सकेगा।वहीं, हादसों में घायल लोगों को एक ही छत के नीचे जांच व इलाज मिलने लगेगा। इसके लिए तीमारदारों को इधर-उधर भागना नहीं पड़ेगा। खास बात ये है कि यहां पर ब्लड बैंक भी बनेगा और मरीजों को मोबाइल ट्यूब सिस्टम की सुविधा मिलेगी।हैलट अस्पताल में कानपुर के अलावा आसपास के करीब 17 जिलों से लोग इलाज कराने के लिए आते है। यदि किसी जिलों में कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो वहां के मरीजों को भी हैलट के लिए रेफर करना पड़ता है। ऐसे समय में इमरजेंसी की सुविधाएं ठीक तरह से मरीजों तक नहीं पहुंच पाती है। इसके लिए अलग से डॉक्टरों की टीम लगानी पड़ती है।ऐसे में यहां ट्रामा सेंटर का निर्माण होने से मरीजों को काफी लाभ मिलने लगेगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने एपेक्स ट्रामा सेंटर के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर शासन ने मोहर लगा दी है और ट्रामा सेंटर के लिए साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया है।ट्रामा सेंटर का निर्माण हैलट परिसर जीटी रोड की तरफ जीएसवीएसएस पीजीआई के बगल में किया जाएगा, जिसमें दो ग्राउंड फ्लोर और छह मंजिला इमारत होगी। जीएसवीएसएस पीजीआई के नोडल डॉ.मनीष सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर में ऊपर तल पर सौ बेड का आईसीयू और 14 मॉड्यूलर ओटी की सुविधा होगी।ट्रामा सेंटर के अंदर ही पैथोलॉजी और ब्लड बैंक का भी निर्माण किया जाएगा। यहां पर मोबाइल ट्यूब सिस्टम की मदद से मरीज का ब्लड सीधे ट्यूब में डाला जाएगा, जो अपने आप लैब में जांच के लिए चला जाएगा। इससे मरीजों के सैंपल लेकर तीमारदारों को जांच कराने के लिए इधर-उधर भागना नहीं पड़ेगा।