संवाददाता।
कानपुर। नगर मे भीषण गर्मी के चलते लगातार बिजली खपत और लोड भी बढ़ रहा है। बिजली के फाल्ट बढ़ रहें है, तो ट्रांसफार्मर ओवरलोड होकर दम तोड़ रहे हैं। केस्को ने जांच की तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 170 से ज्यादा ट्रांसफार्मर ओवरलोड मिले हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले जूनियर इंजीनियर और अन्य अधिकारियों को नोटिस भेज जवाब तलब किया गया है। केस्को ने ओवरलोड ट्रांसफार्मर का लोड कम लोड वाले ट्रांसफार्मर में शिफ्ट किए जाने का फैसला किया। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है की सप्लाई बाधित होने का मुख्य कारण ट्रांसफार्मर का ओवरलोड होना ही है। तापमान बढ़ने के साथ एक तरफ फाल्ट की शिकायत बढ़ रही है। जिसमें जंपर, फ्यूज उड़ने की समस्या ज्यादा आ रही है। बढ़ती गर्मी के चलते लगातार केस्को के हेल्पलाइन नंबर 1912 में भी लगातार शिकायतें आ रही हैं। शहर के नौबस्ता, हंसपुरम, दिल्ली, सुजानपुर, कल्याणपुर, बर्रा रतनपुर विद्युत स्टेशन में ट्रिपिंग तेज हो गई।बिजली विभाग के अफसर की रिपोर्ट में केवल मई के महीने में 19 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं। इसके पहले 16 ट्रांसफार्मर फुंके थे। इस मामले में केस्को की ओर से बिजली अधिकारियों को नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा गया। साथ ही ट्रांसफार्मर की जांच कराई जा रही है। उसमें गलती और चूक मिलने पर बिजली अधिकारियों से ट्रांसफार्मर का खर्च वसूला जाएगा। शहर की बात की जाए तो तकरीबन 7000 से ज्यादा ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। अलग-अलग समय पर ट्रांसफार्मर के करंट और लोड की स्थिति को जानना बेहद जरूरी है, लेकिन इसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि बिजली कर्मियों को फॉल्ट बनाने और लोड बैलेंस करने में अधिक समय लग रहा है। इसलिए ट्रांसफार्मर का सही आकलन पूरी तरह से नहीं किया जा पाता। शहर के अलग-अलग इलाकों में ट्रांसफार्मर ओवरलोड है। इनमें विकास नगर में पांच, जरीब चौकी में पांच ,कल्याणपुर खंड में 17 ,नौबस्ता में 12 ,बर्रा में 11 ,हैरिस गंज में 10, दिल्ली सुजानपुर में 9, गोविंद नगर में 6, हंस पुरम में छह, सर्वोदय नगर में पांच ट्रांसफार्मर जांच में ओवरलोड पाए गए थे। ओवरलोड ट्रांसफार्मर का लोड कम करने के लिए कम लोड वाले ट्रांसफार्मर में उनका लोड जोड़ दिया जाएगा। यह जानकारी केस्को के मीडिया प्रभारी श्रीकांत रंगीला ने दी है। उन्होंने बताया कि हर दिन ट्रांसफार्मर की रीडिंग कराई जा रही है। इससे यह फायदा होगा कि ट्रांसफार्मर फुंकने का खतरा कम होगा।