आयुष्मान के वार्डों में भी मरीज़ खुद करे है अपना इंतजाम
संवाददाता।
कानपुर। नगर मे मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों की भी हालत खराब हो रही है। इस गर्मी में यहां के वार्डों में न तो कूलर है और न ही ठंडे पानी की व्यवस्था। ऐसे में यदि किसी मजबूरी के कारण आपको यहां आना पड़ जाए तो फिर गर्मी से लड़ने के लिए खुद ही पूरी व्यवस्था करनी पड़ेगी। वार्ड के पंखे भी गर्म हवा फेंकते हैं।हमने हैलट अस्पताल का पूरा हाल जाना, जो आपके सामने है। हैलट में सबसे पहले हम वहां बने वृद्धा आश्रम की तरफ गए, जहां पर वृद्ध लोगों के साथ-साथ तीमारदार भी ठहरते है। यहां की दीवारों से पेंट झड़ चुका है। इसके अलावा हॉल में करीब दस तख्त आराम करने के लिए पड़े है, जिसमें कुछ लोग लेटे भी थे। वहां पर मौजूद लोगों से गर्मी का हाल पूछा तो बोले ‘अरे भइया हवा तक तो आने का यहां कोई साधन नहीं हैं। पंखे भी लगे है मगर गर्मी में असर ही नहीं करते हैं, बस समय काट रहे है। इसके बाद जब वार्ड 5 की तरफ गए तो वहां पर बेड पर लेटा एक मरीज छोटा कूलर लगाए था। उससे कूलर के बारे में पूछा तो जवाब दिया ‘इतनी ऊपर पंखा लगा है, हवा लगती ही नहीं है। इस कारण इसे घर से मंगवाया है।’ वहीं ठीक बगल के बेड पर लेटा मरीज टेबल फैन अपने पास रखे था। आर्थों के वार्ड में पहुंचे तो वहां भी कुछ ऐसा ही नजारा था। कोने में पड़ा बेड, उसमें बैठा मरीज जिसके दोनों पैरों में प्लास्टर चढ़ा था और हाव लोवर पहने बैठा था। उस व्यक्ति की गर्मी के कारण बेचैनी साफ दिख रही थी, बगल में फर्राटा चल रहा था। उससे पूछा कि पंखा कहां से लाए तो बताया कि ‘गर्मी बहुत लगती है। पंखे की हवा तो समझ ही नहीं आती है। इसलिए बेटे से फर्राटा मंगवा लिया है। उसी वार्ड में बगल में लेटे दूसरा मरीज एक छोटा काले रंग का कूलर सिर के पास में लगाए हुए था तो तीसरा मरीज अपने बेड पर टेबल फैन रखकर खाना खा रहा था। यहीं हाल आयुष्मान के वार्डों में भी दिखाई दी। यहां के भी किसी वार्ड में कूलर की व्यवस्था नहीं थी। दवा रखने वाली टेबल के ऊपर सिर के पास लोग टेबल फैन लगाकर गर्मी से राहत महसूस कर रहे थे। वार्डों की छत काफी ऊंची है, इस कारण उसमें लगे पंखे भी काफी ऊपर लगे है। ऐसे में पंखे की हवा भी मरीजों तक नहीं पहुंचती है। थोड़ी बहुत गर्मी में तो यह पंखे काम कर जाते है, लेकिन जब शहर का पारा 47 डिग्री के पार हो तो ऐसे में पंखे का होना या न होना सब बराबर है। हैलट अस्पताल में कई वाटर कूलर लगे है। दो वाटर कूलर इमरजेंसी के ठीक बाहर लगे है। मगर ऐसी भीषण गर्मी में वह भी दगा दे रहे है। इतने मरीज होने के कारण उसमें पानी ही ठंडा नहीं मिलता है। वाटर कूलर तो दिन भर आपको चलते हुए मिलेगा लेकिन उसने निकलने वाला पानी ठंडा नहीं होगा। हैलट अस्पताल के प्रमुख अधिक्षक डॉ. आरके सिंह ने कहा कि जहां पर पुराने कूलर पहले से थे, वहां पर चल रहे है। कुछ नए कूलर भी मंगाए गए है। एक से दो दिन के अंदर कूलर आ जाएंगे, जिन्हें वार्ड में लगाए जाएंगे।