November 22, 2024

संवाददाता।

कानपुर। नगर में रविवार को सुबह 7 बजे से गल्ला मंडी में पहुंचे मतदान कर्मियों को उमस भरी गर्मी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शटल सेवा जहां पूरी तरह ध्वस्त नजर आई वहीं मतदान कर्मियों को पीने के पानी तक के लिए परेशान होना पड़ा। दोपहर करीब 1 बजे बाद पोलिंग पार्टियों की रवानगी शुरू हो सकी, जो शाम करीब 4 बजे तक चलती रही। पीठासीन अधिकारी अपनी पोलिंग पार्टी को खोजते रहे। मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त रहा। इससे लोगों को संपर्क करने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। मतदान कर्मियों को एक-दूसरे खोजने में 1 से 2 घंटे तक लग गए। वहीं स्पीकर सिस्टम ने भी पूरी तरह काम नहीं किया, इससे अधिकारियों को भी निर्देश देने में परेशानी उठानी पड़ी। मेट्रो कार्य की वजह से इस बार पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए एक से दो किमी. की दूरी पर बसों की व्यवस्था की गई थी। गल्ला मंडी से बसों तक कर्मियों को पहुंचाने के लिए शटल सेवा शुरू की गई थी, लेकिन ये पूरी तरह ध्वस्त नजर आई। मतदान कर्मियों को हाईवे किनारे तक घंटों बसों के इंतजार में खड़ा रहना पड़ा। कई मतदान कर्मी किराये पर ई-रिक्शा लेकर बसों के स्थान तक पहुंचे। गल्ला मंडी कैंपस में ही मेडिकल कैंप भी लगाया गया था। 45 वर्षीय दिग्विजय सिंह को एजांइटी और घबराहट होने की वजह से कॉर्डियोलॉजी रेफर किया गया। वहीं चुनाव ड्यूटी में लगे 50 वर्षीय संदीप बिस्बल को शरीर में झटके लगने की वजह से हैलट रेफर किया गया। वहीं मेडिकल कैंप में करीब 30 लोगों ने अपना इलाज कराया। वहीं दर्जनों महिलाओं बेहोश हुईं। इस बार चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारी परेशान रहे। गल्ला मंडी में भी अपने सेक्टर मजिस्ट्रेट से लोग अगल-अगल कारण देकर ड्यूटी कटवाने में जुटे रहे। इससे जिन  कर्मचारियों की ड्यूटी पहले कट गई थी, उन्हें भी अचानक बुलाया गया। पीठासीन अधिकारियों की ड्यूटी कटने के लिए अधिकारियों ने साफ इंकार कर दिया। आयकर विभाग में कार्यरत बुजुर्ग दिव्यांग सौमित्र चौधरी को ड्यूटी कटने के बाद भी वापस बुला लिया गया। अपने बेटे को लेकर दोपहर बाद वे गल्ला मंडी पहुंचे। उन्होंने बताया कि किदवई नगर विधानसभा स्थित 315 नंबर बूथ पर उनकी ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि पहले ड्यूटी काट दी गई थी, अब फिर बुला लिया गया। उनका बेटा ड्यूटी कटवाने के लिए परेशान घूमता रहा। लोकसभा चुनाव प्रचार का शोर शनिवार को खत्म हो गया। नौबस्ता गल्ला मंडी से रविवार यानि आज सुबह आठ बजे से 3614 पोलिंग पार्टियां 10 विधानसभा क्षेत्रों के लिए रवाना की गईं। टीमों को ईवीएम, वीवीपैट समेत मतदान के लिए चुनाव सामग्री का वितरण किया गया। पहली बार सेवन रेसकोर्स और निरंकारी आश्रम मैदान से पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। नौबस्ता गल्ला मंडी से मतदान कराने की सामग्री मिलेगी। उसे लेकर पोलिंग पार्टियों को डेढ़ किलोमीटर दूर जाना होगा। इससे मतदान कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, मेट्रो ट्रैक का निर्माण होने से नौबस्ता गल्ला मंडी के पास 800 बसें खड़ी नहीं हो सकती थीं। इसलिए गल्ला मंडी से दोनों मैदान तक मतदान कर्मियों को ले जाने के लिए 80 बसें लगाई गई हैं। आठ विधानसभा की 600 बसें निरंकारी मैदान से रवाना की जा रही हैं। बाकी बची हुई बिठूर और महाराजपुर विधानसभा की 200 बसें सेवन रेस कोर्स मैदान से रवाना हो रही हैं। हमीरपुर रोड स्थित नौबस्ता नवीन गल्ला मंडी से 3979 पोलिंग पार्टियां पोलिंग बूथ के लिए रवाना करने के लिए टीमें तैनात हैं। जिसमें 10 प्रतिशत पोलिंग पार्टियों को रिजर्व रखा गया है। जिले में कुल पोलिंग बूथ 3998 हैं। अकबरपुर सीट की रनियां विधान सभा कानपुर देहात होने की चलते पोलिंग बूथ व पोलिंग पार्टियों की ड्यूटी कानपुर देहात से लगाई गई है। लोकसभा चुनाव में कर्मियों की ड्यूटी लगाने की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त दिखी। इसकी वजह से पोलिंग पार्टियों की रवानगी पर भी देखने को मिला। मेडिकल टीम के पास आए आवेदन पत्रों पर जिम्मेदार ड्यूटी तो काटते गए, लेकिन उनके स्थान पर दूसरे कर्मियों की ड्यूटी लगाना ही भूल गए। हालांकि सभी कर्मचारियों को मतदान का प्रशिक्षण 8 मई को करा दिया गया था। जबकि जिले के 15961 कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था। जब चुनाव में ड्यूटी करने वाले कार्मिक की संख्या कम होने का पता चला तो अफसरों में हलचल मच गई। आनन-फानन 24 घंटे पहले 713 नए कर्मियों की ड्यूटी लगाकर उनको सुबह ट्रेनिंग के लिए कार्रवाई का डर दिखाकर बुलाया गया।

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