कानपुर। पैकियों वाले मामले में कोर्ट से अभी तक निर्णय न आ पाने के चलते इस बार भी जुलूस नही निकाला जा सकेगा ! इस्लामी साल के पहले माह मोहर्रम में इस बार भी पैकी जुलूस नहीं निकाला जाएगा। इसको लेकर कई जगहों पर अफवाह भी फैलाई जा रही है। पुलिस इस मामले में काफी गंभीर हो गई है। शहरकाजियों के माध्यम से पुलिस ने अपील कराई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और लोग एक जगह पर एकत्रित न हों। कानपुर शहर के खलीफा शकील अहमद, हाफिज कफील अहमद, खलीफा सदर अच्छे मियां, हाफिज इसरार और मोहम्मद नदीम फीलखाना द्वारा अपील कर लोगों को जानकारी दी गई है कि कानपुर शहर के पैगी जुलूस का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण इस वर्ष निशान नहीं उठेगा, जुलूस नहीं निकलेगा। मोहर्रम का चांद शनिवार यानि आज देखा जाएगा। यदि चांद नजर आता है तो रविवार या फिर सोमवार को मोहर्रम की पहली तारीख होगी। शहरकाजियों ने चांद देखने की अपील की है। उधर, पैकियों के सिलसिले में खलीफा ने वीडियो जारी कर कहा है कि निशान घर में गुलजार होगा। इसे बाहर नहीं लाया जाएगा। 12 साल तक के बच्चे पैकी बन सकेंगे! मोहर्रम इमाम हुसैन की शहादत से जुड़ा है। इसे गम भरे माहौल में मनाया जाता है। खलीफा निशाने पैक कासिदे हुसैन शकील अहमद खान और नायब खलीफा कफील अहमद ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि निशान कील वाला हाता में गुलजार (फूल चढ़ाना) किया जाएगा जहां लोग जियारत कर सकेंगे। निशान बाहर नहीं लाया जाएगा।दोनों खलीफाओं ने कहा कि एक साल से 12 साल तक के बच्चों की कमर बंधाई यानी पैकी बनाने का काम कील वाता हाता में किया जाएगा। जो अधिक उम्र के हैं वे स्वयं कलावा आदि पहन कर मन्नत पूरी कर सकते हैं।