कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के वर्तमान सचिव और पूर्व सचिव के बीच चल रहा विवाद अब और भी गहरा गया है। जहां चयनकर्ताओं की चुनी हुयी टीम को पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने बदलने का हर संभव प्रयास कर वर्तमान सचिव अरविन्द श्रीवास्तव को चुनौती पेश कर दी तो वहीं अपने करीबी रहे स्कोरिंग और अम्पायरिंग कमेटी के सदस्य को अपनी टीम ले जाने के लिए संघ की ओर से अनुमति प्रदान कर दी।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट में बीते साल के अन्त से ही दो पदाधिकारियों के बीच जंग शुरु हो गयी थी जो अब आईपीएल के आते-आते युद्ध का रूप ले चुकी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान सचिव को चयनकर्ताओं के विरुद्ध खडा करने के लिए पूर्व सचिव ने साजिशन टीम का बदलाव कर डाला और एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए नई टीम का ऐलान कर डाला। टीम की जानकारी जब वर्तमान सचिव को मिली तब बवाल खडा हो गया और टीम को उस प्रतियोगिता में भेजने के लिए मना कर दिया गया। बताते चलें कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ के अधीन देहरादून में होने वाले प्रतिष्ठित गोल्ड कप में देश का सबसे बड़ा राज्य क्रिकेट संघ अपनी टीम दोनों के विवादों के चलते नहीं भेज सका। गोल्ड कप शुक्रवार से शुरू हो गया है और उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ पिछले साल उस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की चैम्पियन रही थी।
इधर क्रिकेट टीम को देहरादून भेजे जाने पर विवाद चल ही रहा था कि पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह के खासमखास और अम्पयारिंग और स्कोरिंग कमेटी के सर्वे-सर्वा समझने वाले एपी सिंह के नेतृत्व में सतीश पान्डे्य ,सन्तोष सिंह,विजय शर्मा, सुधीर सिंह,एसपी सिंह, रवि कौशिक की टीम को देहरादून भेजने में सफलता पा ली। यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं कि पूर्व सचिव का संघ के भीतर अभी कुछ क्षेत्रों में वर्चस्व बराबर बना हुआ है। एक निदेशक के तौर पर वह इस प्रकार के निर्णय लेने के अधिकारी हैं जिसे सीईओ समेत कुछ कर्मचारी मानने के लिए मजबूर रहते हैं। गौरतलब है कि यूपीसीए के चयनकर्ताओं ने एक सप्ताह पहले ही कुछ स्टैंड बाई समेत 15 सदस्यीय टीम चुनी थी। आर्यन जुयाल की कप्तानी और प्रियम गर्ग की उप कप्तानी वाली टीम में अभिषेक गोस्वामी, सिद्धार्थ यादव, रितुराज शर्मा, शोएब सिद्दीकी, आराध्य यादव, समीर चौधरी, प्रिंस यादव, सौरभ कुमार, कार्तिक यादव, यश गर्ग, कुनाल त्यागी, वैभव चौधरी और विजय कुमार शामिल थे। यूपीसीए के एक सदस्य से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व सचिव और वर्तमान निदेशक युद्धवीर सिंह के नेतृत्व वाली क्रिकेट एडवाजरी समिति ने टीम में काफी बदलाव कर दिए। दोनों के बीच विवादों के चलते क्रिकेट भले ही देहरादून न जा पायी हो लेकिन पूर्व सचिव की ओर से घोषित अम्पायरिंग और स्कोरर्स की टीम वहां पहुंचकर अपना कार्य बखूबी कर रही है। यूपीसीए के एक सदस्य के मुताबिक पूर्व सचिव अपने खासमखास लोगों को संघ के भीतर बनाए रहने के लिए सभी प्रकार के हथकण्डे अपना रहे हैं जबकि उनको केवल प्रशासनिक मामलों में ही दखल देने का अधिकार है कमेटियों के बीच अपने निर्णय देने का नही। इस मामले में संघ का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार ही नही है।