November 22, 2024

, –दो आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी; 22 साल बाद आया फैसला।

कानपुर। नगर में एक केबिल संचालक की हत्या का फैसला 22 साल के बाद आया है । जिसमें एक आरोपी को दोषी करार देते हुए दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया। चकेरी क्षेत्र में केबल संचालक की गैर इरादतन हत्या मामले में कोर्ट ने  सोमवार को यह निर्णय सुनाएगा। बतातें चलें कि किराया वसूलने के दौरान केबल संचालक की लोहे की रॉड से पिटाई की गई थी। घटना के 22 साल बाद फैसला आया। मामले के ट्रायल के दौरान महिला आरोपी की मौत हो चुकी है। कोर्ट 8 जुलाई को मामले में सजा सुनाएगी। हरजिंदर नगर निवासी केबल संचालक प्रताप सिंह ने बताया कि 4 सितंबर 2002 की दोपहर करीब 12:30 बजे उनका भतीजा जसविंदर सिंह उर्फ लकी केबल का किराया वसूलने के लिए सुभाष बिंद्रा के घर गया था। वहां किराया मांगने के दौरान जसविंदर का सुभाष से विवाद हो गया था। जिस पर सुभाष, विनय कुमार बिंद्रा उर्फ बाड़े, शशि बिंद्रा व रामकली ने उसकी लोहे की रॉड से पिटाई की थी। अधमरी हालत  में उनके घर के सामने डाल दिया था। प्रताप ने चकेरी थाने में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने एडीजे-7 आजाद सिंह की कोर्ट चार्जशीट दाखिल की थी। 10 नवंबर 2006 को चारो आरोपियों के खिलाफ धारा 302 में आरोप तय किए गए थे। एडीजीसी विनोद त्रिपाठी ने बताया कि अभियोजन की ओर से 9 गवाह पेश किए गए थे। ट्रायल के दौरान आरोपी राज कुमारी की मौत हो गई। शनिवार को कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए विनय बिंद्रा उर्फ बाड़े, शशि बिंद्रा को दोषमुक्त करार दिया। जबकि सुभाष बिंद्रा को गैर इरादतन हत्या की धारा में दोषी करार दिया। कोर्ट मामले में 8 जुलाई को फैसला सुनाएगी। जसविंदर की शव यात्रा के दौरान आक्रोशित सिख समुदाय के लोगों ने विधायक सतीश महाना व आरोपियों के घर व दुकानों पर पथराव किया था। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा था। बवाल की आशंका से पूरी मार्केट बंद करा दी गई थी।

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अपने मैदान पर कुलदीप ने साथियों संग साझा किया विश्वकप का रोमान्चक अनुभव 

कानपुर। टी-टवेन्टी  विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे अपने शहर पहुंचे चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने अपने मैदान के खिलाड़ियों से मिले और उनके हाल-चाल जाने। इस दौरान कुलदीप ने उनके साथ अपने अनुभव को साझा किया और सभी के साथ फोटो भी खिंचवाई। इस दौरान खिलाड़ियों ने ढोल बाजे के साथ कुलदीप को माला पहनाकर उनका स्वागत भी किया। उन्होंने अपने साथियों को विश्वकप के  महत्वपूर्ण  फाइनल के बारे में बताते हुए कहा कि वह मैच भी बहुत क्लोज गेम हुआ लेकिन आखिरी मौके पर कहीं ना कहीं एक विश्वास था कि अगर हम विकेट निकालेंगे तो यह मैच हम ही जीतेंगे। जिस तरह टीम में एनर्जी थी और लास्ट के पांच ओवर में मैच काफी अच्छा हुआ। सभी को एक दूसरे का सपोर्ट मिला। अच्छे वक्त में हम लोगों ने सपोर्ट किया, जो एक कांबिनेशन टीम में होना चाहिए वह रहा। इस वजह से जीते हैं। कुलदीप ने कहा कि जब बुमराह ने कैच पकड़ा तो सबसे पहले उसने पूरे कॉन्फिडेंस से कहा की टच नहीं हुआ है, लेकिन जब उसको कुछ डाउट हुआ तो सभी खिलाड़ियों के मन में एक शंका सी बन गई थी, लेकिन जब रिप्लाई में देखा तो अच्छा लगा। इसके बाद लगा की मैच अपनी ओर आ गया है, तो वो जो कैच था बहुत अच्छा पकड़ा था। कुलदीप ने कहा कि इस जीत के लिए मैं सभी को श्रेय देना चाहता हूं और उन्हें धन्यवाद करना चाहता हूं, जिनकी दुआएं मेरे साथ में थी, जो मेरे फैन्स थे उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया और मैंने मैच में विकेट निकाले।प्रधानमंत्री ने कहा तुम कुलदीप नहीं ‘कुल दीप’ हो कुलदीप यादव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की यादों को ताजा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने कहा कि तुम कुलदीप नहीं ‘कुल दीप’ हो, तुम वह दीप हो जो सब जगह पूरे देश में रोशनी कर रहे हो।इसके अलावा उन्होंने हम लोगों को आगे भी इसी तरह खेलने के लिए प्रेरित किया।

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