September 8, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में एचबीटीयू, एआईटीडी, यूपीटीटीआई, महाराणा प्रताप एजूकेशन सेंटर, एआईटीडी, यूपीटीटीआई, महाराणा प्रताप एजूकेशन सेंटर, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर समेत कई शिक्षण संस्थानों में हजारों की संख्या में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रुक गई है। संस्थान के जिम्मेदारों का दावा है हम लोग इस पर काम कर रहे है, लेकिन क्या काम कर रहे हैं या क्या अभी तक किया इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं हैं। एफिलिएटेड डिग्री कॉलेजों में हजारों स्टूडेंट्स की छात्रवृत्ति रुक गई है। सभी में कोई न कोई कारण दिखाया जा रहा है। किसी के स्टेटस में डाटा मिसमैच दिखा रहा है तो किसी में नॉट फंड, कहीं एप्लीकेशन को फारवर्ड करने में ही चूक बताई जा रही है।छात्रवृत्ति न आने से इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई में पड़ रहा है। एचबीटीयू, एआईटीडी, यूपीटीटीआई, महाराणा प्रताप एजूकेशन सेंटर के छात्रों का आरोप है कि हम लोग अधिकारियों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो गए, लेकिन अधिकारी सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं। इससे परेशान होकर हम लोगों को हंगामा करना पड़ा। इसके बाद विश्वविद्यालय ने पुलिस बुलाकर छात्रों को दबाने का काम किया। कानपुर विश्वविद्यालय में पढ़ रहे 500 से अधिक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति रुक गई है। इसमें से अधिकतर के स्टेटस में डाटा मिसमैच लिखकर आ रहा है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस गलती को अपने ऊपर लेने को तैयार नहीं हो रहा हैं। मामले का निस्तारण न होता देख होली से पहले कैंपस में जमकर हंगामा भी हुआ। सेंटर फॉर एकेडमिक्स का घेराव किया गया, लेकिन हल कुछ नहीं निकला। छात्रवृत्ति को लेकर भले ही कुछ न हुआ हो लेकिन हंगामा करने वाले छात्रों के सहयोग में उतरे कुछ छात्रों पर कार्रवाई जरूर हो गई। मामले पर विश्वविद्यालय ने प्रेस रिजीज जारी करते हुए बताया गया कि एससी और एसटी वर्ग के स्टूडेंट्स के त्रुटिपूर्ण आवेदन में करेक्शन के लिए 26 अप्रैल से तीन मई तक पोर्टल खुलेगा। इसके अलावा अन्य मामलों के निस्तारण का मामला शासन में विचाराधीन है। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में 1600 से ज्यादा लोगों की छात्रवृत्ति रुक गई है। छात्रों का आरोप है कि कुछ में डाटा मिसमैच लिखकर आ रहा है तो वहीं कुछ का डाटा वेरीफाई करने के बाद लॉक नहीं किया गया बताया जा रहा है, जिस कारण से किसी भी विद्यार्थी की स्कालरशिप नहीं आई है। रजिस्ट्रार प्रो. सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी की ओर से वेरिफिकेशन के बाद एप्लीकेशन को लॉक किया गया है। हमारे पास प्रूफ है, हम डिस्ट्रिक सोशल वेलफेयर आफिसर से बात करेंगे। डॉ. अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी फॉर दिव्यांगजन (एआईटीडी) में 300 विद्यार्थियों के फार्म ही फारवर्ड नहीं किए गए। बीते दिनों स्टूडेंट्स ने डायरेक्टर आफिस के बाहर जमकर हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि समय रहते एप्लीकेशन को फारवर्ड नहीं किया गया हैं। एआईटीडी डायरेक्टर प्रो. रचना अस्थाना ने बताया कि मामले को लेकर डायरेक्टर सोशल वेलफेयर यूपी को लेटर लिखकर एक बार पोर्टल खोलने को कहा गया है। छात्रवृत्ति में हुई गड़बड़ी में शिक्षण संस्थानों ने जमकर लापरवाही की है, लेकिन अपनी गलती को कोई भी शिक्षण संस्थान मानने को तैयार नहीं है। वहीं, जिम्मेदार अधिकारी भी इस पर चुपी साधे हैं। छात्रवृत्ति न आने से कई बच्चों को आगे फीस जमा करने का भी संकट आ गया है। ऐसे में विद्यार्थियों का कहना है कि अगर संस्थान सच में हमारे साथ है तो हमारी फीस को लेकर कुछ रास्ता निकाले ताकि हम लोगों की शिक्षा प्रभावित न हो सके।

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