नवजात की पीठ पर बाल या कैसा भी गड्ढा तो नजर अंदाज न करे।
संवाददाता।
कानपुर। नगर में आईएमए, कानपुर शाखा की ओर से आयोजित 41वीं आईएमए सीजीपी प्रोग्राम के दौरान केजीएमयू लखनऊ के डॉ. बीके ओझा ने बताया कि यदि रीढ़ की हड्डी में किसी भी प्रकार का दर्द होता है तो इसे नजर अंदाज न करें। किसी नवजात बच्चे की पीठ पर बाल या किसी भी तरह का गड्ढा हो तो यह भी गंभीर बीमारी की निशानी होती है। ऐसी स्थिति में तुरंत न्यूरोसर्जन से संपर्क कर अपना इलाज शुरू कर देना चाहिए, नहीं तो यह समस्या आगे चलकर और बडी बन सकती है।उन्होंने बताया कि आजकल स्पाइन टीबी की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। रात के समय अगर किसी प्रकार का दर्द आपकी रीढ़ की हड्डी में हो रहा है तो यह लक्षण स्पाइन ट्यूमर का होता है। इस प्रकार की समस्याओं के लिए उचित समय पर जांच कराना ही सबसे अच्छी बात है। अगर कमर दर्द के साथ मरीज के पैरों की कमजोरी या सुन्नपन का एहसास हो तो इस स्थिति में भी न्यूरो सर्जन से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही अगर आपकी पेशाब छूट जाती हो और नियंत्रण न हो तो भी विशेषज्ञ से परामर्श लेनी चाहिए। यह सब लक्षण आम व्यक्ति में गंभीर बीमारी का संकेत होता है। डॉ. ओझा ने बताया कि बुजुर्ग लोगों में रीढ़ की हड्डी में ओस्टियोपोरोसिस की वजह से हल्की चोट लगने पर भी फैक्चर हो सकते हैं, जो की दर्द और लकवा का स्वरूप ले लेते हैं। चोट लगने के बाद स्पाइन के मरीजों को उचित कॉलर या बेल्ट के साथ ही ट्रांसपोर्ट करना चाहिए। डॉ. विकास शुक्ला ने बताया कि स्पाइन की दिक्कत आजकल 25 से 40 साल वालों में ज्यादा देखने को मिल रही है, जो लोग मोटरसाइकिल चलाते हैं या सफर अधिक करते हैं। ऐसे लोगों में यह समस्या ज्यादा है। उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए आप कुछ टिप्स जरूर ध्यान में रखें। पहला स्पाइन से संबंधित व्यायाम जरूर करें, रोज सुबह परिवार के सभी सदस्यों को पार्क में टहलने जरूर जाना चाहिए, फिजिकल एक्टिविटी करें, उगते हुए सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी जरूर ले, अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा अधिक रखें, दर्द होने पर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर ना खाएं। इस मौके पर प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. अमित गुप्ता भी मौजूद रहे।