संवाददाता।
कानपुर। नगर मे कानपुर मेडिकल कॉलेज में चल रही आईएमए सीजीपी कार्यक्रम में शामिल होने आए एसजीपीजीआई लखनऊ के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि लोगों को अभी भी भ्रम रहता है कि हार्ट अटैक अचानक से पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं हैं। इसके संकेत आपको 3 से 4 दिन पहले से दिखने लगते है। यदि आपको बेचैनी हो, एक-एक कदम चलने में कमजोरी लगे, हार्ट बीट बढ़ने लगे तो ऐसी स्थिति में बिना एक पल गवाए आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए। डॉ. तिवारी ने बताया कि हार्ट अटैक आने से चार दिन पहले ही आप इन चीजों को पहचान सकते है। इसके मुख्य पांच लक्षण है, जैसे कि जबड़े, पीठ, हाथ में दर्द, थकान, सांस का फूलना, ऐसी में बैठने के बाद भी पसीना आना, चेहरे पर सूजन आ जाना। डॉ. तिवारी बताया कि आज इतनी जागरूकता के बाद 54 फीसदी मामलो में मरीज हार्ट अटैक आने के बाद ही अस्पताल पहुंचता है। लोग इसे गैस व अन्य तकलीफ समझकर लापरवाही करने लगते है और घरेलू उपचार करते है। डॉ. सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड से हार्ट अटैक आने की बात एक भ्रम है। इसमें बिल्कुल भी सचाई नहीं है। हर दवा में कुछ न कुछ साइड इफ्केट होता है। किसी भी टीके से हद्वय से संबंधी तकलीफ नहीं होती है। सभी टीके बिल्कुल सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि हम हार्ट अटैक से तभी बच सकते है, जब मोटापा, नशा, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें और फास्ट फूड से दूरी बनाए रखे। आज कल की पीढ़ी फास्ट फूड और नशे का सेवन अधिक कर रही है। यही कारण है कि कम उम्र में ही लोगों को अटैक पड़ रहा है। युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों में सबसे ज्यादा बड़ी वजह है खराब लाइफस्टाइल का होना। खान-पान बिगड़ा रहने के कारण युवाओं का हार्ट मजबूत नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा वायु में फैला प्रदूषण भी इसका जिम्मेदार है।