कानपुर। आरटीआई के एक कार्यकर्ता रफत महमूद ने जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त से अपनी जानमाल की रक्षा की गुहार लगायी है। ये जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता रफत ने रविवार को फूलबाग स्थित पार्क में आयोजित एक वार्ता में पत्रकारों को दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ पर्यावरण प्रेमी भी है, जिसके चलते वह समाज के साथ होने वाले अन्याय को नजर अन्दाज नही कर पाते और वह सब की मदद को दौड पडते हैं। उन्होंंने बताया कि 31.03.2023 को कानपुर नगर के बांसमंडी में घटित एक भीषण अग्निकांड की शिकायत जिला प्रशासन के साथ साथ शासन स्तर तक पत्राचार के माध्यम से की थी। इसके बावजूद कोई संज्ञान नहीं लिया गया, प्रार्थी ने उच्च न्यायालय, इलाहबाद में एक पीआइएल न. 883/2024 दाखिल की। जिसपर उच्च न्यायालय ने विपक्षी गणों को फटकार लगाते हुए दिनांक 10.07.2024 को अपना पक्ष रखने को कहा है। इसके पश्चात दिनांक 02.06.2024 को कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 19 टावरों को सील किया गया, जो कि अच्छा कार्य किया गया, लेकिन इसके पश्चात् बिल्डर एवं केडीए कर्मचारियों की मिलीभगत से सील तोड़कर निर्माण कार्य चालू कर दिया गया, जो कि विभिन्न समाचार पत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है। उच्च न्यायालय में लंबित याचिका के दौरान याचिकाकर्ता के पास कुछ अहम् विभागों द्वारा दस्तावेज प्राप्त हुए है। समुचित प्रकरण को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि एक भयावह बड़ी घटना की तैयारी उक्त लोगो द्वारा की जा रही है। विशेष रुप से प्रार्थी को पिछले कई दिनों से ऐसा लगता है कि उसका कोई छिपकर पीछा कर रहा है । यही नही उनको डरवाने के लिए कुछ लोग उनके नाम की आवाज भी लगाते है, जब प्रार्थी पीछे मुड़कर देखता है तो गायब हो जाते है, इस सम्बन्ध में प्रार्थी डीएम और पुलिस आयुक्त कानपुर नगर को जानकारी दे चूका है।प्रार्थी को अब घर से बाहर निकलने में भी थोडा डर महसूस होता है साथ ही उनको किसी भी समय घर पर भी जानलेवा हमले का अंदेशा बना हुआ है। रसूखदार लोगों के खिलाफ चलायी गयी मुहिम के चलते अब भय की स्थिति पैदा हो गयी है। वह लोग कभी भी किसी से हमला करवा सकते है। उन्होंने बताया कि पुलिस रसूखदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही करे तो भय थोडा कम होगा। उन्होंने पुलिस और जिले के सबसे बडे अधिकारी से अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगायी है।