September 8, 2024

—13 गांवों में एक साथ चलेगा अभियान।

कानपुर। गर्भवती महिलाओं और किशोरियों की घरों में एनीमिया की जांच के लिए प्रोजेक्ट अम्मा की शुरुआत कर दी गयी। बतातें चलें कि वर्तमान समय में महिलाओं और किशोरियों के लिए एनीमिया सबसे बड़ा खतरा बना हुआ। इससे महिलाओं को बचाने के लिए स्वास्थ विभाग की ओर से नगर में प्रोजेक्ट अम्मा की शुरुआत की गयी। इस प्रोजेक्ट के तहत टीम गांवों में जाकर महिलाओं की जांच करेगी और उन्हें जागरूक भी करने का काम करेंगी। इस प्रोजेक्ट् के पहले चरण में अभियान के तहत 13 गांवों में टीम जाकर सर्वे करेगी। विटामिन एंजेल्स इंडिया, कानपुर ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनी सोसाइटी, कानपुर विश्वविद्यालय व ईजआरएक्स हेल्थ टेक ने संयुक्त रूप से एनीमिया मुक्त भारत बनाने के लिए अभियान चलाया है। विमेन हेल्थ एंड वेलनेस फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ मीरा अग्निहोत्री ने बताया कि खून की कमी के कारण होने वाली इस परेशानी के प्रति जागरूकता ही बचाव है। इसी मकसद से प्रोजक्ट अम्मा कानपुर में लॉन्च किया गया हैं। मोतीझील स्थित एक होटल में प्रोजक्ट के लॉन्च करते हुए विटामिन एंजेल्स इंडिया के एशिया एंड डायरेक्टर ऑफ प्रोग्राम्स डॉ. आशुतोष मिश्रा ने कहा कि कानपुर के चौबपुर, शिवराजपुर, कल्याणपुर ब्लॉक समेत 13 गांवों के अलावा गोविंदनगर मलिन बस्तियों में एनीमिया मुक्त का अभियान एक साथ चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार से इस अभियान की शुरुआत हो गयी इसमें आशा, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ घर-घर टीमें जाएंगी। दो साल में शहर को एनीमियामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कानपुर की 63 फीसदी किशोरियां व 45 फीसदी गर्भवती एनीमिया से पीड़ित हैं। डॉ. मीरा अग्निहोत्री ने बताया कि इस जांच में एक खास बात ये है कि इसमें महिलाओं में किसी प्रकार का कट लगाकर खून नहीं निकाला जाएगा। ये जांच एक इजी डिवाइस से की जाएगी। केओजीएस की अध्यक्ष डॉ कल्पना दीक्षित, एसीएमओ डॉ सुबोध प्रकाश, प्रो. संदीप सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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