July 27, 2024

संवाददाता। 

कानपुर। नगर के लाल बंगला में बहू को विदा कराने आए एक परिवार पर मायके वालों ने चाकू से हमला कर दिया। इसमें पति, ससुर और देवर की चाकू लगने से हालत गंभीर है। तीनों को हैलट में एडमिट कराया गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद चकेरी पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन आरोपी मौके से भाग निकला। नव विवाहिता मायके आने के बाद सात महीने से ससुराल नहीं जा रही थी। इसी की पंचायत कराने लड़के वाले आज मुंबई से उसके घर पहुंचे थे। मुंबई के नाला सोपारा में रहने वाली निर्मला कश्यप ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे अनुराग (29 वर्ष) की शादी चंडीगढ़ की रहने वाली प्रीती से की है। प्रीती की बहन ज्योति भी उनके भाई के परिवार में ब्याही है। प्रीती 7 महीने से मायके में है, ज्योति भी ससुराल नहीं जा रही है। दोनों बहनों के मायके में होने के चलते परिवार परेशान था। इस बात को लेकर प्रीती के लाल बंगला निवासी ननिहाल में मामा नरेश चंद्र के घर पर शनिवार को पंचायत बैठाई गई थी। क्योंकि रिश्ता प्रीति के ननिहाल पक्ष से ही कराया गया था। निर्मला कश्यप ने बताया कि शनिवार को वह पति रोशन लाल और दोनों बेटों अनुराग और विराज के साथ प्रीति के ननिहाल लाल बंगला पहुंची थी। मुंबई से प्रीति का जीजा ओम प्रकाश दुबे भी पंचायत में शामिल होने पहुंचा था। बातचीत के दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया। पहले तो प्रीति के मायके वालों ने ससुरालियों को जमकर पीटा। झगड़े के दौरान ही प्रीति के जीजा ओमप्रकाश ने चाकू निकाला और प्रीति के पति अनुराग व ससुर रोशन लाल पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। पंचायत में शामिल होने पहुंचे रोशन लाल के साढू का बेटा साहिल ने बीच-बचाव का प्रयास किया तो उसके भी पेट में चाकू घोंप दिया। तीनों खून से लथपथ हालत में जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद प्रीति और उसके जीजा ओमप्रकाश व मायके पक्ष के लोग भाग निकले। सूचना पर चकेरी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। तीनों घायलों को पहले कांशीराम हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। जहां पर हालत गंभीर होने के चलते उर्सला रेफर किया गया, लेकिन उर्सला से हालत ज्यादा सीरियस होने के चलते हैलट अस्पताल रेफर कर दिया गया। हैलट के डॉक्टरों ने बताया कि रोशनलाल और अनुराग के पेट में तीन से चार गंभीर चाकू के घाव होने से आतें कट गई हैं। जबकि तीसरे घायल साहिल की हालत सामान्य है। इन सभी का इलाज किया जा रहा है। आंत कटने की वजह से पिता और पुत्र का ऑपरेशन करना पड़ेगा। कानपुर जैसे महानगर में तीन-तीन हॉस्पिटल में चक्कर काटने के बाद भी मुंबई से आए घायलों को इलाज नहीं मिल सका। पहले कांशीराम, फिर उर्सला और हैलेट रेफर कर दिया गया। तीन अस्पताल में करीब पांच घंटे लग गए लेकिन शाम तक किसी को इलाज नहीं मिल सका। परिवार के लोगों ने तीनों घायलों को एक बड़े निजी अस्पताल में रेफर करने की मांग की है। इससे कि उनकी जान बच सके।

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