कानपुर। कानपुर में माध्यमिक शिक्षक भर्ती घोटाले की चल रही पुलिस जांच में एक अहम घटनाक्रम सामने आया है। एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि जांच में पता चला है कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए इस्तेमाल की गई फर्जी ईमेल आईडी एडी माध्यमिक कार्यालय से ही बनाई गई थीं। इस खोज ने पुलिस को इलाहाबाद में अधिकारियों से पूछताछ की योजना बनाने के लिए प्रेरित किया है।
फर्जी ईमेल आईडी की खोज
इस घोटाले में फर्जी ईमेल आईडी बनाना शामिल था, जो कथित तौर पर कानपुर के एडी माध्यमिक कार्यालय से थी, जिसका उपयोग कानपुर डीआईओएस को नौ शिक्षकों के नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए किया गया था। इनमें फर्जीवाड़ा उजागर होने पर दो शिक्षकों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी थी। नियुक्तियों में से एक, विनीता देवी, स्कूल द्वारा किसी सत्यापन के बिना दिसंबर 2023 में मदन मोहन अग्रवाल गर्ल्स इंटर कॉलेज में शामिल हो गई थीं। उन्हें बोर्ड की जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं और उन्होंने सामाजिक विज्ञान पढ़ाया, बावजूद इसके कि उनके नियुक्ति पत्र में यह दर्शाया गया था कि वह एक अंग्रेजी व्याख्याता थीं।
संदिग्ध शिक्षक नियुक्तियाँ
आर्य कन्या इंटर कॉलेज में एक अन्य नियुक्त रिक्षा पांडे को एक सतर्क प्रबंधक ने सत्यापन पर जोर देकर कक्षाओं को पढ़ाने से रोक दिया था। 2 मार्च को शामिल होने के बावजूद, रिक्षा ने अपने दिन स्टाफ रूम में बिताए और अंततः 26 अप्रैल को चिकित्सा अवकाश ले लिया, जिसके बाद 27 अप्रैल को उसने इस्तीफा दे दिया। उसके चिकित्सा अवकाश के समय और स्थान ने उसकी नियुक्ति की वैधता के बारे में और संदेह पैदा कर दिया है।
चल रही पुलिस जांच और अगले चरण
एसीपी महेश कुमार ने पुष्टि की कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों से लैस पुलिस ने आगे की पूछताछ के लिए राजवीर को हिरासत में लिया है। पुलिस इस बात की बारीकी से जांच कर रही है कि फर्जी ईमेल आईडी कैसे बनाई गईं और फर्जी नियुक्तियों के लिए उनका इस्तेमाल कैसे किया गया। डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि जांच जारी है, और अधिक जानकारी तब सामने आएगी जब इलाहाबाद में एडी सेकेंडरी कार्यालय के अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।