कानपुर। कानपुर के बिधनू स्थित साकार विश्वहरि के आश्रम में तीसरे दिन भी उनके भक्तों का पहुंचना लगातार जारी है। आश्रम में सेवा के लिए कानपुर देहात के रसूलाबाद से सेवादार तीसरे दिन भी पहुंचे । सेवादारों का कहना था, कि बाबा से जुड़ने से उनका जीवन बदल गया है उन्होंने नशा छोड़ दिया है। यहां पर महिलाएं आश्रम में के अंदर खाना बनाकर खिलाती हुई मिली। प्रशासन ने बाबा के आश्रम की जांच शुरू कर दी है। बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव के किनारे स्थित बाबा साकार विश्वहरी उर्फ भोले बाबा के आश्रम में सेवादार मिले। आश्रम के अंदर तो भंडारा कक्ष में कुछ महिलाएं लोगों को खाना खिलाती दिखाई दे रही हैं। उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह सभी रसूलाबाद के रहने वाले हैं। चार दिन की सेवा देने आश्रम में आई है। यहां पर वह साकार विश्वहरी के चरणों में सुबह शाम आरती करने के साथ ध्यान लगाती है। यहां पर सेवादार महेश सिंह से आश्रम में सेवा देने का कारण पूछा गया तो उन्होंने हमे बताया कि वह जब से आश्रम बना तब से आस्था के साथ आ रहे हैं, यहां आने जाने से दुख, बीमारी, मुसीबत दूर हो जाती है। यहां पर आने वाले लोगों को आरती में शामिल होने मात्र से सभी कष्ट का निदान होता है। आश्रम में रोजाना सुबह शाम नारायण साकार विश्वहरी की वंदना प्रार्थना होती है। जिसके बाद हमारी मुलाकात आश्रम में काम कर रहे नीतू सिंह से हुई उन्होंने हमे बताया कि जब से आश्रम बना तब से वह आश्रम से जुड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आश्रम से जुड़ने से पहले हमारे जीवन में बड़ी समस्याएं होती थी। जब से आश्रम से जुड़े हैं, तब से उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई है। आश्रम से जुड़ने से जीवन जीने का तरीका मालूम हो गया है। उन्होंने बताया कि उनके पैर में दिक्कत थी, बाहर खूब इलाज कराया पर उन्हें आराम नहीं मिली। जब से आश्रम से जुड़े तब से आराम है। कानपुर के बिधनू क्षेत्र में करसुई गांव के किनारे स्थित साकार विश्वहरी का आश्रम स्थित है। आश्रम के मेन गेट पर पांच गुम्मद बनी हुई है। गुम्मद को गोल्डन रंग में रंगा गया है। आश्रम के गेट के बगल से सीढ़ी बनी हुई, इन सीढ़ियों से ऊपर जाने पर एक कमरा मिलता है। जिससे आश्रम में आने जाने हर व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सकती है। इस कमरे में आश्रम का अध्यक्ष अनिल तोमर कभी कभी रुकता है। आश्रम के अंदर बने पूजा हाल में दो ऐसी के आलीशान कमरे बने हुए हैं। यहां पर कमरों में ताला लगा हुआ है। आश्रम में आने पर बाबा इसी कमरे में रुकता था। कमरे के बाहर सजावट की गई है। रंग बिरंगे फर्दे और झूमर लगाया है। क्षेत्रीय लेखपाल हरिशंकर ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर उन्होंने आश्रम किस जमीन पर बना है, इसकी जांच पड़ताल शुरू की है। आश्रम के नाम पर लगभग चौदह बीघा जमीन कब्जा की गई है। जिसके चलते जमीन पर कई गाटा संख्या है, हर गाटा संख्या की जांच की जा रही है।