संवाददाता।
कानपुर। नगर में विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी अन्य सेना अधिकारियों के साथ आईआईटी कानपुर का दौरा किया। दौरे से पहले अतिथियों का स्वागत आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनिन्द्र अग्रवाल और फैकल्टी-इंचार्ज प्रो. कांतेश बलानी ने किया। सेना के अधिकारियों और आईआईटी कानपुर के रक्षा-संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले फैकल्टी सदस्यों के बीच चर्चा की गई। इसमें भारतीय सेना के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने के लिए संभावित सहयोग की खोज पर ध्यान केंद्रित किया गया। संस्थान के प्रोफेसरों ने संस्थान में चल रही रक्षा परियोजनाओं का अवलोकन कराया। आईआईटी कानपुर ने अनुसंधान क्षमताओं का प्रदर्शन किया। आईआईटी कानपुर में डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया सीओई के निदेशक संजय टंडन ने रक्षा और सुरक्षा के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में केंद्रित अनुसंधान और सहयोग के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए सीओई के जनादेश के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने उद्योग-अकादमिक साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। फैकल्टी सदस्यों ने सेना के अधिकारियों को विभिन्न नवीन तकनिकों का प्रदर्शन किया, जिसमें एक सबस्टेशन निरीक्षण रोबोट, सटीक मार्गदर्शन किट के लिए एक जनरेटर, उच्च ऊंचाई वाले लॉजिस्टिक्स और ईवीटीओएल समाधान, क्वाड्रूपेड और रोटरी रोबोट और कामिकेज़ ड्रोन शामिल हैं। आईआईटी कानपुर में स्थापित तीन स्टार्टअप ने भी उत्कृष्ट नवाचार प्रस्तुत किए, जिसमें उद्यमिता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के केंद्र के रूप में संस्थान की भूमिका पर जोर दिया गया। भारतीय सेना की टीम ने आईआईटी कानपुर में सी3आई हब और फ्लेक्सई सेंटर का भी दौरा किया।