–अब ट्रेंकुलाइजर से पकड़ने की तैयारी
कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के जंगलों में घूम रहा तेंदुआ वन विभाग की टीम को लगातार चकमा दे रहा है। वन विभाग की ओर से लगाए गये दो पिंजड़ों के पास तो आता है पर फिर वापस लौट जाता है। इसको देखते हुए वन विभाग की टीम ने कानपुर प्राणि उद्यान की टीम को जिम्मेदारी सौंपी है। प्राणि उद्यान की टीम अब ट्रेंकुलाइजर गन के जरिये तेंदुए को पकड़ने की तैयारी कर ली है।आईआईटी के जंगलों में 15 जुलाई को ग्रामीणों ने तेंदुआ को देखा था और पुलिस के साथ वन विभाग को सूचना दी गई थी। वन विभाग की टीम मौके पर गई, पर पद चिन्हों को लेकर सुनिश्चित नहीं कर पाई कि तेंदुआ ही है। इसके बाद फिर तेंदुआ दिखाई दिया और आईआईटी प्रबंधन ने वन विभाग को सूचित किया तो जंगलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गये। सीसीटीवी कैमरों में तेंदुआ कैद भी हो गया जिससे पुष्टि हो गई। इस पर वन विभाग की टीम ने सर्च अभियान चलाया और दो पिंजड़े भी लगाए, लेकिन तेंदुआ पकड़ से बराबर दूर बना हुआ है। वन विभाग की टीम को जंगल में बराबर तेंदुआ के पद चिन्हों के निशान भी मिल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि संस्थान परिसर में जिस जगह पर पदचिन्ह मिले हैं वहां पर उसके भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसे में तेंदुए का बचकर निकल भागना मुश्किल है।
डीएफओ दिव्या ने रविवार को बताया कि तेंदुआ बहुत चालाक है, वह पिंजड़े के पास तक आता है पर वापस चला जाता है। इसको देखते हुए कानपुर प्राणि उद्यान की टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है जो ट्रेंकुलाइजर गन के जरिये पकड़ेगी। ट्रेंकुलाइजर गन से 70 मीटर की दूरी से निशाना लगाया जा सकता है। प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सकों की टीम ने 40, 50, 60 और 80 किलो के वजन के हिसाब डोज बनाया है। हालांकि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तेंदुआ 60 से 65 किग्रा का हो सकता है। तेंदुए की मौके पर मूवमेंट देखकर उसके वजन के मुताबिक डोज का इस्तेमाल किया जाएगा।