संवाददाता।
कानपुर। नगर मे जेके कैंसर हॉस्पिटल में अभी तक कैंसर की सर्जरी नहीं हो पा रही थी, क्योंकि यहां पर सर्जन के नाम पर मात्र एक डॉक्टर है और उस स्तर का सर्जरी डिपार्टमेंट भी नहीं है ना ही एनेस्थीसिया का डिपार्टमेंट है। इस कारण यहां के मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों के लिए रेफर किया जाता था। राजकीय जेके कैंसर संस्थान, कानपुर के निदेशक डॉ. एसएन प्रसाद ने बताया कि पिछले 2 साल पूर्व डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजुकेशन को कैंसर सर्जरी, एनेस्थीसिया, पैथोलॉजी और अपग्रेड रेडियोथेरेपी डिपार्टमेंट बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। अब इस प्रस्ताव पर सुनवाई तेजी से हो रही है। अब यह फाइल प्रशासन के पास पहुंच गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर मोहर लगेगी। अस्पताल में लंबे समय से इन सभी डिपार्टमेंट की मांग चली आ रही थी। प्रशासन के अधिकारियों ने अस्पताल के जिम्मेदारों के साथ बातचीत कर उनसे चर्चा कर पूछा कि कितनी फैकेल्टी, स्टाफ व सुविधा की क्या-क्या जरूरत पड़ेंगी। बताते चलें कि पिछले 60 सालों से अस्पताल में सिर्फ रेडियोथैरेपी ही थी जो चल रही थी, लेकिन अब इसे भी अपग्रेड करने की जरूरत है। इसके अलावा और किसी भी डिपार्टमेंट का विस्तार अभी तक नहीं हो पाया है। इसी को देखते हुए प्रस्ताव भेजा गया था। जेके कैंसर हॉस्पिटल में कानपुर के अलावा आसपास के एक लगभग 15 से 17 जिलों के लोग यहां पर उपचार कराने के लिए आते हैं। महीने में लगभग 60 से 70 मरीजों को ऑपरेशन के लिए अलग-अलग अस्पतालों के लिए रेफर किया जाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा लोड कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल को पड़ता है। अगर यह सभी डिपार्टमेंट यहां पर बन जाएंगे तो एक ही छत के नीचे मरीज को पूरा उपचार मिल जाएगा। मरीजों को इधर से उधर भटकना नहीं पड़ेगा और उनका खर्च भी बचेगा। यह बजट लगभग 200 करोड़ के ऊपर का है। चारों डिपार्टमेंट बनने में अस्पताल में फैकल्टी भी बढ़ेगी और स्टाफ भी बढ़ाया जाएगा। इस अस्पताल में रोजाना 200 से लेकर 250 तक ओपीडी चलती है। वहीं, अस्पताल में मानक के हिसाब से स्टाफ भी कम है।|}