मैं डबल एमए शिक्षित महिला हूँ मेरे बच्चे का भविष्य खतरे में है।
योगी सरकार में एक महिला अपने को बहुत असहाय महसूस कर रही है।
मोहल्ले वालों ने दो दिन में जो भी लाकर दे दिया वही बच्चे को खिला दिया और खुद खा लिया
कानपुर। पति द्वारा सालों से प्रताड़ित बच्चे समेत पत्नी की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर समझौता कराने के बजाए कल्याणपुर पुलिस पीड़ित महिला से एफआईआर करवाने के लिए दबाव डाल रही है। वही पीड़ित महिला केवल ससुराल में ही रहने की बात कहते हुए अपने ससुराल वालो के खिलाफ किसी प्रकार का मुकदमा और विवाद नहीं चाहती। पीड़ित महिला लगभग ४८ घंटो से अपने ससुराल के बाहर बन्द दरवाजे की चौखट पर इंसाफ के इंतजार में बैठी है। ससुराल में रहने वाली पीड़ित महिला सपना शुक्ला के अनुसार पति ने शादी के कुछ महीने बाद से ही मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी थी मैं अपनी कोख में पल रहे बच्चे के भविष्य को लेकर ये सब सहना शुरू किया था और सहती चली आ रही थी लेकिन अब उन्होंने उसे और उसके 7 साल के बेटे को घर से बाहर निकाल दिया है। महिला पति की चौखट पर ही बेटे के साथ तीन दिन से बैठी गुहार लगा रही है। पुलिस ने मामले में दोनों पक्षों को बुलाकर सुलह-समझौता कराने की बजाय महिला से पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का दबाव डालने का काम कर रही है दूसरी तरफ पति को फरार करा दिया। महिला अभी भी बन्द दरवाजे के बाहर बैठी है। उसका कहना है कि मुझे यहां रहने नहीं दिया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगी।
कल्याणपुर निवासी आकाश तिवारी ट्रांसपोर्ट नगर के बिन्द्रा ट्रांसपोर्ट में कर्मचारी हैं। आकाश का 2017 में शिवराजपुर के पाठकपुर निवासी राकेश शुक्ला की बेटी सपना से शादी हुई थी। सपना का आरोप है कि शादी के बाद से ही पति आकाश और ससुराल वाले उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। रोज-रोज की मारपीट से आजिज होकर उसने 2021 में जहरीला पदार्थ खाकर जान देने का भी प्रयास किया था। अभी एक माह पहले पति ने मेरे साथ मारपीट करी उसके बाद सपना को बहाने से यह कहते हुए मायके से दूर बाहर मुख्य सड़क पर छोड़ आया था कि मेरा दिमाग ठीक नही चल रहा तो तुम कुछ दिन अपने मायके में रह लो फिर मैं तुम्हे ले जाऊंगा इसके बाद उसने फोन पर कुछ दिन बात की उसके बाद फोन उठाना बन्द कर दिया लगभग 20 दिन गुजर जाने के बाद वो अपने भाई के साथ रविवार को ससुराल आयी तो काफी देर ससुराल पक्ष वाले बहस करते रहे की हम लोगों को इसको यहां नही रखना है फिर मेरे भाई से हाथापाई पर उतारू हो गये तो मेरे भाई पनकी पुलिस चौकी प्रभारी के पास गए वहां पीछे से ये लोग भी आ गये ये। पुलिस से मैने और मेरे भाई ने कहा कि साहब में ससुराल में ही रहना चाहती हूँ नही तो मैं कहाँ जाऊंगी मेरे बच्चे के भविष्य का क्या होगा हमलोगों का समझौता करा दीजिये की ये मुझे बिना बात के मारापीटा न करे और जब पुलिस ने एक कागज पर कुछ लिखने के बाद मेरे पति से हस्ताक्षर करने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया कि वो पड़ा लिखा नही है जबकि वो हस्ताक्षर करते है फिर मेरे पति को उन्होंने दूर ले जाकर कुछ बातचीत करी फिर मेरे पास आकर चौकी प्रभारी ने दूसरे दिन के लिए हम पति पत्नी को पुलिस चौकी पर बुलाया की कल आना तुम दोनों लोग आ जाना कल इस विषय पर बात होगी और मैं वापस अपने पति के साथ ससुराल आ गई और दूसरे दिन मेरे पति मुझे चौकी ले गये जहां पुलिस ने ये बताया की पति के खिलाफ कार्यवाही करके उसको जेल भेज रहे है। उसको थाने भेज दिया है। तो मैने मना किया कि नही उन्हें जेल न भेजे मुझे समझौता चाहिए तब वो देर शाम तक मुझे बैठाये रहे और बाद में मुझसे बोले तुम घर जाओ तुम्हारा पति घर पहुंच जायेगा। तब मैंने कहा साहब मुझे यहां से रास्ता नही पता है तो उन्होंने कहा ये हमारी जिम्मेदारी नहीं है उसके बाद मैं किसी तरह घर पहुंची तो देखा घर अंदर से बंद था बहुत देर न खुलने के बाद मेने 112 नम्बर मिलाया तब पुलिस आई और गेट न खुलने पर मेरे ससुर को फोन किया तो उन्होंने बताया हम सब लोग पीछे के रास्ते से दूर निकल गए है अभी नही आ सकते तब से मैं अपने सात साल के बच्चे को लेकर बंद गेट के बाहर बैठी हूँ पुलिस आती है देख जाती है बाकी कोई कार्यवाही नही कर रही कि मेरे ससुराली पक्ष को बुलाकर मेरा समझौता करा दे और मुझे घर मे रहने दे मैं डबल एमए शिक्षित महिला हूँ मेरे बच्चे का भविष्य खतरे में है। सपना से पूछने पर की तीन दिन हो गये आपकी दिनचर्या कैसे पूरी हो रही है तो उसने बताया कि मैं दो दिन से नहाई नही हूँ खाने को जो मोहल्ले वालों ने लाकर दे दिया वही खा लिया और बच्चे को खिला दिया योगी सरकार में एक महिला अपने को बहुत असहाय महसूस कर रही है।