December 12, 2024

कानपुर ।पैगम्बर हजरत इमाम हुसैन शहीदे आजम, शहीदे कर्बला की शहादत की याद में छोटी कर्बला ग्वालटोली व बड़ी कर्बला नवाबगंज में हजारों अकीदतमन्दों ने पहुंचकर कर्बला के 72 प्यासे शहीदों और शहीदे आजम हजरत इमाम हुसैन की बारगाह में हाजरी का नज़राना पेश किया। दोनो कर्बलाओं में हजारों ताजिये दफनाए गये। मातमी जुलूसों में छुरी तलवार और जंजीर का मातम करके हजरत हुसैन के चाहने वालों ने अपने को लहु लुहान किया, पूरे दिन सैकड़ों जुलूस और हजारों ताजिये छोटी कर्बला ग्वालटोली और बड़ी कर्बला नवाबगंज पहुचते रहे. सैकड़ों मातमी अन्जुमने इमाम आली मकाम हजरत इमाम हुसैन को नौहों और सलाम के द्वारा अकीदत का नजराना पेश कर रही थी।

कर्बलाओं में नवासए रसूल के चाहने वाले पैदल, 4 व्हीलर, 2 व्हीलर, और दर्जनों ट्रक से भी दिन भर आये और हाजरी देते रहे। कासिदे सुगरा और कासिदे हुसैन लाखों पैगियों ने बड़ी कर्बला पहुंचकर हाजरी पर फातिहा दिलायी। देर शाम तक ताजिये आते रहे और मातमी जुलूस का सिलसिला जारी रहा।

इस मौके पर युवा समितियों के तत्वाधान में अमन कैम्पों से अजादाराने हुसैन का चाय, शर्बत, व पानी से स्वागत किया जा रहा था सैकड़ों ताजिये बाबूपुरवा बगाही की कर्बला में भी दफनाएं गये। यहां अनजुगन बजमे हुसैनी व अन्जुमन अजाए हुसैन के अलावा दर्जनों मातमी जुलूस पहुंचे। ग्वालटोली छोटी कर्बला में मातमी अन्जुमने तलवार व छूरियों से मातम करते हुए पहुंचे यहा मातमदार सर पर तलवार (कमा) लगा रहे थे। जिससे खून में शराबोर थे। पटकापुर की अन्जुमन मोईनउल मोमिनीन, अन्जुमन रिजविया, अन्जुमन चश्म कौसर अन्जुमन रजाए इस्लाम हीरामन पुरवा से अन्जुमन गुलदस्ते हैदरी, चमनगंज अन्जुमन सक्काऐ हरम, अन्जुमन शमशीर हैदरी, कर्नलगंज से अन्जुमन पंजेतनी, अन्जुमन जुल्फिकारे हैदरी, अन्जुमन अबूतराबिया और व अन्जुमन अनवरे पंजेतनी, बेकनगंज से अन्जुमन मजलूमिया और जाजमऊ से अन्जुमन नासिरउल ईमान, ग्वालटोली से अन्जुमन फिरदौसिया, अन्जुमन मोहम्मदी मोईनउल अजा, अन्जुमन जाफरिया अंजुमन हुसैनी ब्रदर्स, अंजुमन शब्बीरिया और अन्जुमन मासूमिया के भी मातमी जुलूस कर्बला पहुंचे। अधिकतर मातमी दस्ते इमाम बारगाह आगामीर मकबरा भवन में समाप्त हुए। पूरे शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में नवासए रसूले आजम हजरत हुसैन की बारगाह में अकीदत का नजराना पेश करने के लिये श्रद्धालुओं ने खिचड़ा, बिरयानी और ज़र्दे की हजारों डेंगें पकवा कर कर्बला के 72 प्यासे शहीदों की फातिहा दिलायी जगह-जगह कुरान की तिलावत की जा रही थी। शिया मुसलमानों ने आज यौमे आशूरा पर पूरे दिन फाका रहकर शाम 4.30 बजे कर्बला के 72 शहीदों की बारगाह में हाजरी पर नज़्र दिलाकर फांका तोड़ा सूरज डूबते ही नमाजे मगरिब पढ़ने के बाद हजारों मातमदार इमाम बारगाह आगामीर छोटी कर्बला मकबरा पहुचें, यहा मजलिसे शाम-ए-गरीबा घुप अंधेरे और बिना किसी तरह का फर्श बिछाये बरपा हुई इस मजलिस को हजरत मौलाना सैफ अब्बास ने सम्बोधित करते हुए शहादते हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत बयान की। उन्होंने आगे कहा कि हजरत हुसैन ने दीने मोहम्मदी और इस्लामी उसूलों और मानवता को बचाने के लिये अपना भरा घर कर्बान कर दिया। मौलाना ने हजरत अब्बास अलंबरदार ,हजरत अली अकबर ,हजरत कासिम और 6 महीने की उम्र के हजरत अली असगर की शहादत बयान करते हुए कर्बला का मंजर पेश किया और इमाम के घर वालों की मुसीबते कत्ले हुसैन के बाद यजीदियों की तरफ से जो दी गयीं थीं बयान किया जिसे सुनकर हाजरीने मजलिस की आंखे अश्कबार हो गयीं। इसके उपरान्त शामें गरीबा का मंजर पेश करते हुए बानिए मजलिस की तरफ से एक मोमबत्ती जलता थाल और एक सीनी पर कुछ रोटिया लायी गयी. इसके बाद मातम हुआ और सरदारे अम्बिया हजरत मोहम्मद स०अ० और कर्बला के 72 शहीदों को सलाम का नजराना पेश करने के साथ ही मजलिसे अजा का समापन हुआ।

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