इलाहाबाद हाइकोर्ट ने हुये भीषण अग्निकांड के विषय मे फटकार लगाते हुये संबन्धित विभागो को पत्रवालियों सहित हाजिर होने के दिये आदेश
स्वतंत्र शुक्ला
संवाददाता
कानपुर। नगर के अनवरगंज थाने के बांसमंडी क्षेत्र में दिनांक 31 मार्च.2023 को भीषण अग्निकांड में पांच टावर जलकर ध्वस्त गो गए थे – मसूद टावर, ए. आर. टावर, अर्जन टावर, हमराज टावर और नफीस टावर। एक गरीब व्यक्ति की मौत हुई थी। इसके पश्चात् सभी टावरों के सम्बन्ध में अग्नि शमन कार्यालय, कानपुर नगर व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, कानपुर नगर से सूचना का अधिकार 2005 के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गयी। जानकारी के अनुसार सभी टावरों को दोनों कार्यालयों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किए गए थे। इसी क्रम में मेसर्स नजम हमराज बिल्डर नगर निगम राजस्व विभाग के कर कार्यालय में हमराज बिल्डर एंड डेवलोपेर्स के नाम से दर्ज है, और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) कार्यालय, लखनऊ जो कि बिल्डरों का पंजीयन करता है वहां हमराज बिल्डर्स का पंजीयन नही है, ये भी जानकारी जन सूचना के माध्यम से प्राप्त की गई है । नजम हमराज कानपुर नगर के राजनैतिक व प्रभावशाली और धनवान व्यक्ति हैं। जिस जगह पर ये पाचों टावर बने है जेके आयल मिल कम्पाउण्ड की जमीन के आगे का एक बहुत छोटा सा हिस्सा भर था। जिसमे से लगभग तीस हज़ार गज कम्पाउण्ड के पीछे के हिस्से मे खाली जमीन पड़ी थी। जिसका सौदा नज़म हमराज़ बिल्डर ने कर लिया था। और पीछे मार्केट भी बनाने लगा था। लेकिन सूत्र बताते है कि आगे के हिस्से मे सरसज़्ब व्यापार पाच टावरों मे अच्छे से हो रहा था इसलिए पीछे वहाँ बन रहे टावरों मे कोई नहीं जाना चाहता था। सूत्रो का कहना है कि बन रही दुकानों कि बूकिंग न होते देख इंसानियत के खिलाफ सजिस रचते हुये भयानक भीसण अग्निकांड कि उत्पत्ति हुई जिसमे पचासों करोड़ का कपड़ा जलकर राख हो गया जिसकी वजह से वहाँ व्यापार कर रहे लोगो को आर्थिक दयनीय स्थिति से गुजरना पड़ा। इस अग्निकांड कि वजह से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को स्वयं यहाँ उपास्थि होकर के सारे हालातों को संभालना पड़ा था। जिसमे सरकार ने बाद मे व्यापारी वर्ग के लिए बैंक, जीएसटी विभाग, आईटी , को दिशा निर्देश दिये कि इन्हे विभागीय राहत प्रदान कि जाए। ये आगजनी कि घटना के स्थान के चारों तरफ घनी बस्तियो का संजाल फैला हुआ है। जिसमे लाखो व्यक्तियों का निवास है। यदि शासन प्रशासन कि सजगता नहीं होती तो कोई बड़ी जनहानि हो सकती थी। जिसमे हजारो कि संख्या मे लोग आहात होते। इसके पश्चात ध्वस्त हुए टावरों के समीप स्थित न्यू हमराज टावर 80/80, बांस मंडी, कानपुर में दुकानदारों को विस्थापित किया गया। उक्त स्थान के सम्बन्ध में जब सूचना अधिकार के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गयी, तो अग्नि शमन कार्यालय, कानपुर नगर प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, कानपुर नगर, अपर श्रम आयुक्त कार्यालय, कानपुर नगर से कोई भी प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया गया और पूरी तरह से वर्तमान सरकार में नियमों की अवहेलना की गयी। ऐसा लगता है कि एक बड़ी भयावह घटना की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। इस मामले के सम्बन्ध में सामाजिक कार्यकर्ता रफत महमूद के माध्यम से सम्बंधित विभागों से सूचना अधिकार के माध्यम से जानकारी प्राप्त करके सम्बंधित विभागों को प्रार्थना पत्र के माध्यम से सम्बंदित कार्यालयों के साथ उ. प्र. शासन व प्रशासन को भी जानकारी प्राप्त कराई गयी ताकि कोई बड़ी भयावह घटना घटित न हो सके, लेकिन किसी तरह की न ही सजगता दिखाई गयी और न ही कोई सुध ली गई । इसके पश्चात् रफत महमूद ने त्रस्त होकर जद्दोजहद के साथ माननीय उच्च न्यायालय, इलाहबाद की शरण में जाकर एक पीआईएल दाखिल की। पीआईएल दाखिल होने के बाद दिनांक 10.05.2024 को न्यायाधीश अरुण भानुशाली एवं न्यायाधीश विकास बुधवार की खंड पीठ ने सरकारी अधिवक्ता से बहस के दौरान पूछा कि उक्त प्रकरण में क्या संज्ञान लिया गया, तो अधिवक्ता के संतोषजनक उत्तर न देने पर माननीय न्यायालय ने फटकार लगाते हुए दिनांक 10.07.2024 को सम्बंधित विभागों विकास प्राधिकरण , अग्निसमन आदि को शपथपत्र सहित अपना पूरा कथन न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया। याचिका कर्ता आरटीआई एक्टिविटस और पर्यावरण प्रेमी रफत महमूद से प्रकरण के विषय में जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण में बड़ी जद्दोजहद के बाद जब मै उच्च न्यायालय की शरण में गया, तब न्याय प्राप्त होने की प्रबल संभावना दिख रही है। मै और मेरे संगठन के लोग माननीय न्यायाधीशो अरुण भानुशाली व विकास बुधवार का ह्रदय से आभार व्यक्त करते है और भविष्य में उचित निर्णय के लिए आश्वसत है।