कानपुर। आईआईटी के छात्रों को सपना है कि वह लाखों के पैकेज वाली नौकरी को नही स्टार्टअप इन्डिया का हिस्सा बनकर दूसरों के लिए रोजगार मुहैया करने की प्राथमिकता पर जोर देंगे। छात्रों का मानना है कि संस्थान के माहौल और लोगों से काफी सीख मिली है जिससे दूसरों को काम देने के आगे आने की आवश्यकता अधिक है। आईआईटी कानपुर के दीक्षांत समारोह में पदक विजेताओं ने अपना भरोसा लाखों की नौकरी से ज्यादा स्टार्टअप पर दिखाया है। भले ही छात्रों ने अपने करियर की शुरुआत किसी कंपनी में जॉब के साथ किया हो, लेकिन उनका भरोसा अपने स्टार्टअप पर अधिक देखने को मिल रहा है। चंडीगढ़ के कुंवर प्रीत सिंह ने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग से बीटेक पास करने के साथ ही प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। कुंवर ने बताया कि मैं टॉवर रिसर्च की एक कंपनी में जॉब कर रहे हैं, भले ही मेरा पैकेज लाखों में हो लेकिन मेरा सपना स्टार्टअप करने का ही है। कुंवर प्रीत की जेईई एडवांस में 143 रैंक प्राप्त की थी। । टॉप करने की नहीं थी उम्मीद कुवरप्रीत ने कहा कि जब कोरोना काल में एडमिशन लिया तो वह दौर उनके लिए थोड़ा कठिन था, लेकिन जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य हुई तो हालात भी सुधरे। । कुंवर के पिता जसपाल सिंह सीडीएसी में एसोसिएट निदेशक और मां कमलजीत कौर मेटलॉनिक्स कंपनी में मैनेजर के पद पर हैं। चेन्नई के तेजस रामा कृष्णन को रतन स्वरूप मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि जेईई की परीक्षा के बाद संस्थान आने का क्रेज था, लेकिन कोरोना काल में कॉलेज नहीं आ सका। इसी वजह से ऑनलाइन क्लासेज पर ज्यादा फोकस किया गया, मगर उसमें उतनी अच्छी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। इसके बाद जब संस्थान में आने के बाद पढ़ाई शुरू हुई तब काफी कुछ सुधार हुआ। इसलिए कहते है कि जब आप जागते है सभी सवेरा होता है। उनके पिता रामाकृष्णनन कंसलेटेंट हैं और मां श्रीविद्या डॉक्टर हैं। बस्ती के रहने वाले विप्लव पटेल ने पांच साल के यूजी प्रोग्राम में निदेशक गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। उन्होंने संस्थान से केमिकल इंजीनियरिंग और इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग से बीटेक पास किया है। विप्लव के पिता गिरजेश कुमार फार्मास्युटिकल कंपनी में हैं और मां प्रेमलता गृहिणी हैं। विप्लव अपने परिवार के पहले आईआईटियन है। उन्होंने कहा कि बीटेक करने के बाद अब मेरी जॉब लग गई है, लेकिन मैं जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करूंगा, क्योंकि मुझे सोशल वर्क करना बहुत पसंद है। विप्लव अपने परिवार के पहले आईआईटियन है। विप्लव अपने परिवार के पहले आईआईटियन है। अपना बिजनेस करना चाहते है सार्थक चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम में निदेशक गोल्ड मेडल से पुरस्कृत चंडीगढ़ के सार्थक कोहली का कहना है कि उन्हेस स्व यं का बिजनेस स्टैंड करना है। सार्थक के पिता अशोक कुमार कोहली एकाउंटेंट और मां रेनू कोहली निजी सेक्टर में हैं। सार्थक ने संस्थान से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से बीटेक किया है और 9.4 सीपीआई प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जॉब भी मिल गई है, लेकिन उन्हे खुद का बिजनेस करना है। इसको लेकर प्लान अभी से चल रहा है। कुछ साल जॉब करने के बाद बिजनेस की तरफ जाऐंगे।