भूपेंद्र सिंह
कानपुर। कहा जाता है कि किसी भी क्षेत्र में किसी के विकास को उसकी वृद्धि के रूप में देखा जाता है लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते बीते 15 सालों में ग्रीनपार्क का विकास उसकी वृद्धि नही उसके छोटे होते स्वंरूप के लिए अपना सफर तय करता आ रहा है। माना जाए तो कभी क्रिकेट के गढ़ के रूप में पहचान रखने वाले कानपुर शहर की यह पहचान खोती जा रही है। दरअसल देश के पांच स्थाई टेस्ट सेंटरों में शुमार ग्रीन पार्क स्टेडियम दर्शक क्षमता के लिहाज से देश के तमाम क्रिकेट स्टेडियम से पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है। जहां एक ओर देश के अन्य क्रिकेट स्टेेडियमों में दर्शक क्षमता बढाने के लिए काम किया जा रहा है तो ग्रीनपार्क स्टेडियम में विकास के नाम पर उसकी दर्शक क्षमता को ही घटाने के लिए काम करने के लिए। बीते 15 सालों में ग्रीनपार्क स्टेडियम की सजावट या फिर ये कहा जाए उस दीर्घाओं के आधुनिकीकरण के लिए उसपर पानी की तरह पैसा बहाया गया उससे दीर्घाओं का आधुनिकीकरण तो हुआ लेकिन दर्शक क्षमता लगातार कम होती गई। एक समय ग्रीन पार्क स्टेडियम की दर्शक क्षमता जो लगभग 45 हजार से भी अधिक थी वो अब घटकर महज 17 हजार तक ही सिमट कर रह गयी है। बीते साल 2009 में वीआईपी और डायरेक्टर्स पैवेलियन के निर्माण करवाया गया जिसकी लागत लगभग 27 करोड़ की रही थी। इसके बाद साल 2016 में न्यू प्लेयर्स पवेलियन जो 34 करोड़ की लागत से बना यही नही साल 2013 में मीडिया सेंटर की छत पर बने पोर्टेा केबिन की कीमत 30 से 40 लाख रुपए रही थी। इन सब के निर्माण के बाद से स्टेडियम का विकास नही बल्कि विनाश ही हो गया। इन सब दीर्घाओं के निर्माण के बाद से वहां की दर्शक क्षमता का हास हो गया ग्रीनपार्क को लगभग 20 से 25 हजार सीटों का नुकसान हो गया जिसमें सबसे अधिक क्षमता विश्वप्रसिद्ध स्टूडेन्ट गैलरी की थी जो एक साथ ही 10 हजार की दर्शक क्षमता के ऊपर की रहा करती थी। वही यूपीसीए स्टेडियम की सही से देखरेख नहीं कर रहा है जिसकी वजह से यहां पर तमाम अव्यवस्था देखने को मिल रही है। टेस्ट मैच से पहले सांसद रमेश अवस्थी ने स्टेडियम का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि स्टेडियम की खस्ता हालत के लिए खेल विभाग जिम्मेदार है। यह हैरानी भरा है कि करोड़ों रुपए खर्च हो जाने के बाद भी ग्रीन पार्क की दर्शक क्षमता कम हो गई है। उन्होंने कहा कि वह शासन से ग्रीन पार्क की दर्शक क्षमता बढ़ाने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रीन पार्क में खोले गए होटल में बार के लिए अप्लाई किया है।किसी भी कीमत पर खेलो इंडिया को पीलो इंडिया नहीं बनने दिया जाएगा। वही ग्रीन पार्क में तैनात डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि ग्रीन पार्क की दर्शन क्षमता बढ़ाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। जबकि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से इस मसले पर बात करने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ।