कानपुर। नगर की पुलिस से झडपना भाजपा के नेता को भारी पड गया लगभग 6 दिनों की कडी मशक्कत के बाद नेता और उसके भतीजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो ही गयी। सत्ता की रौब गांठनें वाले नेता का वीडियो वायरल होने के बाद मामला हाई प्रोफाइल हो गया था जिसकी जांच सीओ को सौंपी गयी थी। जांच के बाद नेता और उसके भतीजे को दोषी मानते हुए कार्यवाई की गयी है। गौरतलब है कि बीते सोमवार को गोविंद नगर थाना क्षेत्र के दीप तिराहे पर चेकिंग के दौरान हूटर लगी गाड़ी रोकने पर पुलिस कर्मियों से गुंडागर्दी करने वाले बीजेपी नेता पर छठवें दिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। सोशल मीडिया पर भाजपा नेता शैलेंद्र त्रिपाठी का पुलिस से अभद्रता करने का 1:51 मिनट का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लेकर जांच बैठाई थी और अब एफआईआर दर्ज हुई है। काली फिल्म और हूटर लगी गाड़ी को पुलिस कर्मियों ने था रोका सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए कारों से हूटर और काली फिल्म उतरवाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में बीते सोमवार शाम दीप तिराहे के पास पुलिस बैरिकेडिंग लगवाकर हूटर और शीशे में लगी काली फिल्म लगी गाड़ियों को रोक रही थी। इस बीच भाजपा दक्षिण के जिला उपाध्यक्ष शैलेंद्र त्रिपाठी अपने भतीजे के साथ कार से कहीं जा रहे थे। भाजपा नेता शैलेंद्र त्रिपाठी भाजपा नेता शैलेंद्र त्रिपाठी बैरिकेड के पास पहुंचने पर पुलिस ने गाड़ी रोकी तो भाजपा नेता पुलिस कर्मियों से भिड़ गए। पुलिस कर्मियों से जमकर अभद्रता की थी। पुलिस कर्मियों पर सपाई होने का आरोप लगाया, मोबाइल छीनने का प्रयास किया और गाली-गलौज करते हुए जमकर अभद्रता की थी। भाजपा नेता की गुंडागर्दी का अगले दिन वीडियो वायरल हुआ तब पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार हरकत में आए और पूरे मामले में जांच का आदेश डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार को दिया था। मामले की जांच कर रहे एसीबी बाबूपुरवा की जांच पूरी नहीं कर सके। लेकिन पुलिस और सरकार की फजीहत होने पर आखिर छह दिन बाद गोविंद नगर थाने की पुलिस ने मामले में मिल्क बोर्ड चौकी इंचार्ज राजेश सिंह की तहरीर पर शैलेंद्र त्रिपाठी और उनके भतीजे गौरव त्रिपाठी के खिलाफ गोविंद नगर थाने में लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, लोक सेवक के काम में बाधा डालना, धमकाने की धारा में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। एसीपी की जांच रिपोर्ट का इंतजार वीडियो वायरल होने के बाद एसीपी बाबूपुरवा अमरनाथ यादव को जांच दी गई थी। हालांकि घटना के छह दिन बीतने के बाद भी वह अभी जांच पूरी नहीं कर सके हैं। अमरनाथ यादव ने बताया कि 16 पुलिस कर्मियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस सर्व किया गया है। सीसीटीवी फुटेज भी हार्ड डिस्क में जमा की गई हैं।