November 22, 2024

कानपुर। शहर में मानसूनी बारिश की चेतावनी के  बाद भी बादल बरसते नहीं दिखायी दे रहे हैं बीते 11 दिनों से शहर में मूसलाधार बारिश नहीं हो सकी है जिससे उमस के साथ ही तापमान भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जुलाई के महीने में भी पारे के गिरने का नाम नही है वह भी लगातार बढता ही जा रहा है। लगभग 52 (1972)  साल के बाद जुलाई के महीने में पारा 40.8 डिग्री के आसपास ही दर्ज किया जा रहा है। वहीं शनिवार की सुबह से निकली तेज धूप उमस को बढाने का काम कर रही है। मानसून को समझने वाले बतातें हैं कि पॉकेट रेन को छोड़ दिया जाए तो पिछले 11 दिनों से सीएसए में बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई है। मानसून की बारिश अब तक अनियमित हो रही है। अंतिम बार 06-07 जुलाई को 28 मिमी. बारिश हुई थी पर यह भी असमान थी। बीच में जो भी बारिश हुई है वह पॉकेट रेन के रूप में रही है। शहर के दो क्षेत्रों में बारिश अलग-अलग होने से तापमान में भी अंतर पड़ रहा है। एयरफोर्स वेदर स्टेशन पर तापमान कम दर्ज हो रहा है जबकि उत्तर क्षेत्र में अधिक है। सीएसए में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री रहा। इस तिथि में 1972 से अब तक कभी इतना ज्यादा पारा नहीं रहा है। न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री दर्ज किया गया है।  मौसम विभाग का कहना है कि बारिश तो हो रही है पर पॉकेट रेन का ट्रेंड बना हुआ है। कानपुर और आसपास पिछले 11 दिनों से भी अधिक समय तक मध्यम या भारी बारिश एक समान रूप से नहीं हुई है। मानसून ब्रेक होने का सबसे ज्यादा असर धान पर पड़ रहा है।अन्य फसलें भी आगे प्रभावित हो सकती हैं। अधिक बारिश न होने से सब्जियों को थोड़ी राहत मिल सकती है। मध्य प्रदेश से आए बादल कहीं-कहीं बरसे शुक्रवार को एमपी से आए बादल दक्षिणी क्षेत्र में कुछ समय के लिए बरसे। यह बारिश गोविंदपुरी नए पुल तक सीमित रही जबकि दादा नगर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई।  मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बारिश अपेक्षाकृत कम रही है। कानपुर में 24 घंटे पहले तक 78 फीसदी पानी कम बरसा। बिल्हौर जैसे स्थान पर भी पॉकेट रेन हो रही है। पूरे देश में टर्फ की स्थिति कमजोर है। इस कारण पॉकेट में ही बारिश हो रही है। इससे विशेषकर धान की फसल प्रभावित होना तय है। रूठे मानसून के बीच शुक्रवार रात 12 बजे के बाद शहर के कई इलाकों में बारिश हुई। सिविल लाइंस, परेड, फूलबाग आदि क्षेत्रों में जहां झमाझम बारिश हुई वहीं, कल्याणपुर-बिठूर इलाकों में बूंदाबांदी ही हो सकी है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून टर्फ अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है। 20-21 जुलाई से राहत की उम्मीद है। बारिश अगले सप्ताह तक जारी रह सकती है।

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