December 21, 2024

संवाददाता।

कानपुर। नगर में लोकसभा 2024 के चुनाव को संपन्न कराने के लिए अब सेक्टर मजिस्ट्रेट, पीठासीन अधिकारियों की ड्यूटी के लेटर ऑफिसों में पहुंचने लगे हैं। कानपुर के डिग्री कॉलेजों में भी गुरुवार को लेटर पहुंचे तो उसमें शिक्षकों को उनके पद के विरुद्ध ड्यूटी लगाई गयी है। इसे देख सभी शिक्षकों ने नाराजगी है। उन्होंने ऐसे में चुनाव में ड्यूटी न करने की चेतावनी दी है। इसके अलावा कानपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (कूटा) के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से भी इस मुद्दे पर चर्चा की है। चुनाव आयोग की तरफ से ड्यूटी आने के बाद डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को पता चला कि असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षिकाओं की चुनाव ड्यूटी, चुनाव अधिकारी द्वितीय के रूप में लगायी गई है, जबकि महाविद्यालय के कार्यालय अधीक्षक की ड्यूटी चुनाव अधिकारी प्रथम के रूप में लगायी गई है। एडेड महाविद्यालयों की महिला शिक्षिकाओं की ड्यूटी पूर्व में चुनाव में नहीं लगायी जाती थी। साथ ही चुनाव आयोग की संस्तुतियों के अनुसार चुनाव ड्यूटी उनके पद के अनुसार ही लगयी जाती थी। वहीं, उच्चतर शिक्षा से संबंधित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं की ड्यूटी सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में लगनी चाहिए या फिर किसी अन्य परिस्थितियों में पीठासीन अधिकारी के रूप में लगायी जाती है। इसको लेकर डिग्री कॉलेज की शिक्षिकाओं ने कानपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (कूटा) के पदाधिकारियों से इसकी शिकायत की हैं। एसएन सेन बालिका महाविद्यालय की शिक्षिकाओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि सभी सहायक आचार्य की ड्यूटी चुनाव में पीठासीन अधिकारी द्वितीय के रूप में लगाई गयी है। यह उनकी पद की प्रतिष्ठा और गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। कानपुर यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक द्विवेदी ने कहा कि शिक्षक एक प्रतिष्ठित व्यक्ति है, उनको उनके पद के अनुरूप ही ड्यूटी मिलनी चाहिए। वैसे तो महाविद्यालयों में काम बहुत अधिक होता है। इस कारण शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। मेरी जिलाधिकारी से भी यही मांग रहेगी कि वह शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी मुक्त रखे और अगर चुनाव में ड्यूटी लगाते है तो उनके पद और गरिमा का पूरा ख्याल रखा जाए।

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