पूर्व डीजीपी डीएस चौहान को संघ में बडी और ईमानदारी भरी जिम्मेदारी सौंपने की भी की मांग।
संवाददाता।
कानपुर। उत्तंर प्रदेश क्रिकेट संघ में पूर्वान्चल के कुछ जिलों को जोडने की मांग बीते कई सालों से क्रिकेटरों और उनके अभिवावकों की ओर से लगातार उठायी जा रही है। भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद भी प्रदेश क्रिकेट संघ ने अभी तक पूर्वान्चल के कई जिलों को जोडने का काम नही किया है। यूपीसीए के पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली से आक्रोशित पूर्वान्चल के कई जिलों के क्रिकेटर और अभिवावकों ने शुक्रवार को क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने कानपुर में कमला क्लब स्थित यूपीसीए के मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर 50 दिनों के भीतर पूरे प्रदेश के क्रिकेट की जिला इकाईयों को समायोजित करने का अल्टीमेटम दे दिया।क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के लभगभ 100 से भी अधिक सदस्यों और क्रिकेटरों ने कमला क्लब में जाकर निदेशक रियासत अली से मिलने का प्रयास किया तो संघ के कुछ कर्मचारियों ने उन्हेे रोकने का प्रयास भी किया। संघ के अध्यक्ष अरविंद सिंह की अध्यक्षता में तकरीबन 100 से अधिक खिलाड़ियों ने पूर्वांचल के खिलाड़ियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन अध्यक्ष और सचिव के नाम से प्रेषित किया।निदेशक की गैरमौजूदगी के चलते एक महिला कर्मचारी ने ज्ञापन लेते हुए आश्वासन दिया कि ज्ञापन अध्यक्ष और सचिव को अग्रसारित कर दिया जाएगा। क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन की ओर से एक महत्वपूर्ण मांग भी उठायी गयी जिसमें प्रदेश के पूर्व डीजीपी डीएस चौहान को यूपीसीए को बडी जिम्मेदारी सौंपी जाने की रही। ज्ञापन में अंकित किया गया कि पूर्व डीजीपी को ईमानदारी से प्रशासनिक कार्य का बहुत अनुभव रहा है इसलिए उनको सचिव जैसे पद पर नियुक्ति देनी चाहिए जिससे पूर्वांचल के साथ ही पूरे प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ न्याय हो सके। अरविंद सिंह ने बातचीत में कहा कि यूपीसीए के टीम चयन में पूर्वांचल के खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। दिल्ली, हरियाणा के खिलाडियों को प्रदेश की टीम में पैसे लेकर जगह दी जा रही है। यही नही यूपीसीए में चयन मैचों की आनलाइन स्कोरिंग व लाइव वीडियो रिकार्डिंग तक नही की जाती। जिससे काबिल खिलाड़ी टीम का हिस्सा नही बन पाता है। इसी के चलते प्रदेश के खिलाड़ियों का पलायन दूसरे राज्यों में बढ़ रहा है। प्रदेश की जनसंख्या 30 करोड़ के आसपास है इसलिये गुजरात, महाराष्ट्र की तरह यहां भी यूपीसीए के अलावा दो क्रिकेट एसोसिएशन की मान्यता बीसीसीआई को देनी चाहिये। सचिव प्रदीप पाण्डेय व एसके सिंह ने कहा कि यूपीसीए में सीनियर-जूनियर महिला-पुरुष खिलाड़ियों का 30 दिन का कैंप आयोजित होना चाहिये, जिससे यूपी से होनहार प्रतिभाशाली खिलाड़ी निकल सके। एसोसिएशन के सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि अगर 50 दिनों के भीतर समायोजन नही किया गया तो आन्दोलन और भी बडे स्तर पर किया जाएगा।यही नही सबने कहा कि अगर इस दौरान कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदारी यूपीसीए की होगी।