कानपुर। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश और नरौरा व हरिद्धार के बांधों से लगातार छोड़े जा रहे लाखों क्यूअसेक पानी से गंगा का जलस्तर रविवार को चेतावनी बिंदु को पार कर गया। हालांकि वह अभी खतरे के निशान से अभी भी नीचे ही बह रहा है जो महज 61 सेंटीमीटर ही बचा है। गंगा के बढते जलस्तेर को देखते हुए घाटों पर पुलिस का पहरा तेज हो गया है। अगर इसी तरह से गंगा का जलस्तैर बढता रहा तो एक से दो दिनों में वह भी पार कर जाएगा। बझते जलस्तयर के चलते कटरी के गांवों से गंगा की दूरी महज 500 मीटर ही रह गयी है। माना जा रहा है कि पांच फीट जलस्तर और बढ़ा तो 40 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। तेजी से बढते गंगा के जलस्तेर को देखते हुए पुलिस ने गांव के लोगों को सतर्क किया है। साथ ही शनिवार से गंगा में नहाने और रील बनाने पर रोक लगा दी है। एसीपी कर्नलगंज एसीपी महेश कुमार ने बताया कि कर्नलगंज सर्किल के नवाबगंज, कोहना और ग्वालटोली थाना क्षेत्र के 15 गांव में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। पूरे शहर की बात करें, तो 40 से ज्यादा गांवों के मुश्किलें बढ़ सकती हैं।लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। गंगा में नहाने से रोक लगाने के लिए घाटों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है। बैरिकेडिंग करने के साथ ही चौकी प्रभारी व दो प्रशिक्षु दरोगाओं के साथ टीम को लगाया है। एसीपी ने बताया कि सुबह के समय ज्यादा संख्या में लोग नहाने आते हैं। ऐसे में सुबह घाट पर पेट्रोलिंग की जाएगी। फिर पूरे दिन घाटों पर पुलिस की गश्त करेगी। एसीपी ने बताया कि गंगा में नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। रोक के बाद भी अगर कोई बैराज या अन्य जगह नहाते देखा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नए कानून के मुताबिक अगर कोई पुलिस की बात नहीं मानता है तो उसे 24 घंटे तक पुलिस हिरासत में बैठाया जा सकता है और इसी के तहत कार्रवाई की जा सकती है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, गंगा किनारे सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और गोताखोरों को भी घाटों पर निगाह रखने को कहा गया है। फिलहाल लोग गंगा में नहाने न जा जाएं, न ही बच्चों को नदी के पास जाने की हिदायत दी है। गंगा के दूसरे दिन भी चेतावनी बिंदु के पार रहने और ब्रह्मा खूंटी डूबने से सबसे ज्यादा परेशानी चैनपुरवा के लोगों को है। यह गांव गंगा के सबसे नजदीक है। हालांकि अन्य गांवों में भी खतरा है। शनिवार को नरोरा बांध, हरिद्वार के अलावा काली, रीबाला नदी से 1.65 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है। यह दो से ढाई दिन में कानपुर पहुंच जाएगा। इसके बाद जलस्तर और बढ़ सकता है। अभी जलस्तर खतरे के निशान से 61 सेंटीमीटर नीचे है। जलस्तर इसके ऊपर न जाए, इसके लिए बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं। इससे बैराज से डाउन स्ट्रीम (जाजमऊ की तरफ) गंगा का जलस्तर बढ़कर 112.910 मीटर हो गया। अप और डाउन स्ट्रीम के जलस्तर में 24 घंटे में एक सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है। नगर के इन चैनपुरवा, धारमखेड़ा, डिवनीपुरवा, सुखनीपुरवा, नत्थापुरवा आदि गोंवों में बाढ के आने का सबसे अधिक खतरा माना जा रहा है।